गरियाबंद

वर्मी कंपोस्ट खरीदी की बाध्यता खत्म करने किसानों ने दिया धरना
24-May-2022 3:40 PM
वर्मी कंपोस्ट खरीदी की बाध्यता खत्म करने किसानों ने दिया धरना

‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
राजिम, 24 मई ।
भाजपा किसान मोर्चा के बैनर तले कृषक सेवा सहकारी सोसाइटी के पास क्षेत्र के किसान इक_े हुए और राज्य सरकार द्वारा प्रदेश में किसानों को वर्मी कंपोस्ट के रूप में अमानक खाद को लेने की बाध्यता समाप्त करने एवं किसान हित में कई मुद्दों को लेकर धरना प्रदर्शन किया। भूपेश बघेल हाय हाय के नारे लगे तथा राज्यपाल अनसुईया उइके के नाम राजिम तहसीलदार जयंत पाटले को किसानों ने ज्ञापन सौंपा।

इस बीच किसान नेता एवं जिला पंचायत सदस्य रोहित साहू ने धरना प्रदर्शन को संबोधित करते हुए कहा कि राज्य सरकार के द्वारा विगत साढ़े तीन वर्षों से किसान विरोधी नीतियां चलाई जा रही है। प्रदेश में किसान अपने विभिन्न समस्याओं को लेकर परेशान हैं। हालात यह है कि सैकड़ों किसान आत्महत्या कर चुके हैं। वर्तमान में किसानी का समय आ गया है। एक ओर केंद्र की नरेंद्र मोदी सरकार किसानों को यूरिया खाद 625 प्रति क्विंटल उपलब्ध करा रही है, वही प्रदेश की भूपेश बघेल सरकार किसानों को अमानक और घटिया खाद रेट मिट्टी मिलाकर गोबर लेने के लिए प्रति एकड़ 3 बोरी 90 किलो 1000 क्विंटल में लेने के लिए बाध्यता कर किसानों को लूटने का काम कर रही है जिससे प्रदेश के किसानों की अर्थव्यवस्था चरमरा गई है। किसान आगामी सीजन में खेती कर पाने में असमर्थ नजर आ रहे हैं। छत्तीसगढ़ की पहचान किसानों से है और आज प्रदेश के किसानों की हालत बद् से बदतर है। अमानक वर्मी कंपोस्ट खाद की बाध्यता से प्रदेश भर की किसानों की गाढ़ी कमाई गोबर के साथ मिट्टी में मिल गई जाएगी, जिससे किसानों को 700 करोड़ रुपए का नुकसान होगा।

इन किसानों ने अपने ज्ञापन में पांच बिंदुओं पर भाजपा किसान मोर्चा की मांगों को निराकरण करने हेतु राज्य सरकार को निर्देशित करने का निवेदन किया है। इन मांगों में प्रमुख रूप से राज्य सरकार द्वारा प्रदेश के सभी किसानों को प्रति एकड़ 3 बोरी 90 किलो गोबर खाद खरीदी की बाध्यता समाप्त कर किसानों को उचित रूप से वर्मी कंपोस्ट खरीदने की छूट हो साथ ही वर्मी कंपोस्ट मानक हो एवं रेत व मिट्टी मिला हुआ ना हो। प्रदेश सरकार द्वारा हाल ही में जारी राजीव गांधी न्याय योजना के अंतिम किस्त की राशि में 30 से 50 प्रतिशम तक की कटौती करते हुए करीब 470 करोड़ की राशि किसानों को कम जारी की गई है, इस अंतर की राशि को तत्काल जारी किया जाए। प्रदेश सरकार राज्य में सरकार बनने से पहले किसानों का दाना दाना धान खरीदने वादा किया गया था छत्तीसगढ़ में रबी की फसल भी पर्याप्त मात्रा में होती है। अत: पूरे प्रदेश में किसानों के रबी फसल की खरीदी 2500 प्रति क्विंटल में तत्काल प्रारंभ किया जावे।

राज्य सरकार द्वारा सरकार बनने से पहले अपने घोषणापत्र में पूर्व सरकार की लंबित 2 वर्षों के धान बोनस देने का वादा किया था किंतु सरकार को आज साढ़े तीन वर्ष से अधिक हो गए हैं बकाया बोनस की राशि तत्काल किसानों को जारी किया जावे।
पांचवा राज्य सरकार प्रतिवर्ष गिरदावरी के नाम पर किसानों के रकबा में लगातार कटौती कर रही है कहीं मेड़ काटे जा रहे हैं कहीं खेत ही कम कर दिया जा रहा है जिससे पूरे प्रदेश के किसान आक्रोशित है किसान के संपूर्ण खेतिहर अगले का 15 क्विंटल के हिसाब से धान की खरीदी किया जावे। इस अवसर पर प्रमुख रूप से रामप्रसाद साहू, बेदूराम साहू, नंद साहू, परमेश्वर गंधर्व, शीतल बघेल, भीखम लोहिले, खेदु राम, ओमप्रकाश नागवंशी, बृजलाल साहू, हेमसिंह वर्मा, वेदराम साहू, अरुण साहू, फूलसिंह, राजाराम साहू, आसकरण, मनोज वर्मा, किशन लाल, ओमप्रकाश वर्मा, कृष्णा राम, भारत साहू, रामस्वरूप, संतराम साहू, पूरनलाल, मनोज कुमार यादव, बृजलाल, लक्ष्मण साहू,  खिलावन, द्वारिका सहित बड़ी संख्या में किसान मौजूद थे।
 

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