जान्जगीर-चाम्पा
साल भर में आई 18 शिकायतें, 400 घर लौटे
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
जांजगीर चांपा, 25 मई। झारखंड के एक ईंट भ_े में बंधक बनाकर रखे गए 31 श्रमिकों को जांजगीर जिला प्रशासन ने मुक्त कराया है। वे अब अपने घर लौट रहे हैं। बीते एक साल के दौरान 400 से ज्यादा बंधक मजदूरों को जिला प्रशासन ने छुड़ाया है।
दो दिन पहले जिला प्रशासन के पास एक वीडियो पहुंचा था, जिसमें झारखंड के लातेहार जिले के बालूभाथ थाने के ग्राम साती में बंधक बनाए गए मजदूरों ने अपनी व्यथा बताई थी। कलेक्टर जितेंद्र कुमार शुक्ला ने तत्परता से कार्रवाई करते हुए सहायक श्रमायुक्त और पुलिस से चर्चा की। लातेहार जिले के श्रम अधिकारियों से संपर्क किया गया। जांजगीर से गई टीम ने वहां के श्रम अधिकारियों के साथ बताए गए गुप्ता ईंट भ_े में दबिश दी। वहां बंधक बनाकर रखे गए मजदूरों ने बताया कि भ_े का मालिक गणेश गुप्ता उनको मजदूरी नहीं दे रहा है। मांगने पर मारपीट और गालियां दी जाती है। भ_ा मालिक ने काम लेने के लिए बाउंसर भी रखा है। उनका राशन भी खत्म हो चुका है। उनके साथ महिलाएं और बच्चे भी हैं। उनके साथ भी दुव्र्यवहार किया जाता है। सभी बहुत परेशान हैं। मजदूरों ने वीडियो में एक तस्वीर भी भेजी, जिसमें बकाया मजदूरी का हिसाब लिखा गया था।
अब सभी मजदूर छुड़ा लिए गए हैं और उनको परिवार सहित सडक़ मार्ग से जांजगीर लाया जा रहा है।
उल्लेखनीय है कि जांजगीर-चांपा जिले से बड़ी संख्या में हर साल मजदूर दूसरे राज्यों में प्रवास करते हैं और खेती का काम शुरू होने से पहले लौट जाते हैं।वे यहां आकर खेतों में मजदूरी करते हैं। जांजगीर चांपा जिले में 1अप्रैल 2021 से लेकर मार्च 2022 तक बंधक बनाए जाने की 18 शिकायतें मिल चुकी है। इन पर कार्रवाई करते हुए इस अवधि में 400 से अधिक मजदूरों को छुड़ाकर लाया गया है।
जांजगीर-चांपा जिले में सिंचाई का प्रतिशत काफी अधिक है और लोग रिकॉर्ड फसल लेते हैं। पर बड़ी संख्या ऐसे लोगों की है, जिनके पास कोई खेती नहीं है। इनमें सर्वाधिक लोग अनुसूचित जाति से आते हैं। बंधुआ मुक्ति मोर्चा के संयोजक रहे दिवंगत स्वामी अग्निवेश ने यहां के प्रवासी मजदूरों के अधिकारों के लिए काफी लड़ाई लड़ी है।