दन्तेवाड़ा
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
दंतेवाड़ा, 26 मई । शासन की सुराजी गांव योजनान्तर्गत ग्रामीण अर्थव्यवस्था को मजबूती प्रदान करने आवर्ती चराई का निर्माण किया गया है। इससे ग्रामीण क्षेत्रों में जागृति की बयार आई है। नरवा, गरवा, घुरवा और बाड़ी योजना के तहत जिले के कुम्हाररास में वन विभाग द्वारा आवर्ती चराई योजना के तहत आवर्ती चराई स्थापित किया गया है। कलेक्टर दीपक सोनी ने आज कुम्हाररास स्थित आवर्ती चराई का आकस्मिक भ्रमण वन एवं पशुधन विकास विभाग के अधिकारियों के साथ बैठक ली।
श्री सोनी ने पशुओं के लिए स्वास्थ्य सुविधाएं, पानी, चारे एवं देखभाल की व्यवस्था एक ही स्थान पर किए जाने के निर्देश उप संचालक पशुधन विकास विभाग को दिए। उन्होंने यहां आवर्ती चराई निर्माण तथा वृक्षारोपण हेतु वन विभाग द्वारा तैयारियों की जानकारी ली। उन्होंने आवर्ती चराई विकास योजना अन्तर्गत आवर्ती चराई के निर्माण स्थल चयन पानी की पूर्ति की व्यवस्था के संबंध में विस्तृत जानकारी ली।
उन्होंने निर्माण कार्यों में मनरेगा के तहत अधिक से अधिक मजदूर लगाने तथा समय पर मजदूरी भुगतान के निर्देश दिए। उन्होंने पशुधन विकास विभाग को आवर्ती चराई में सतत सेवाएं दिए जाने के निर्देश दिए है। पशुओं का उपचार, टीकाकरण, कृत्रिम गर्भाधान का कार्य तेजी से किए जाने को कहा। वहीं समूह की महिलाओं को बैकयार्ड कुक्कुट पालन, बकरी पालन एवं विभिन्न कार्यों में शामिल किए जाने के निर्देश दिए।
वनमंडलाधिकारी को आवर्ती चराई का रकबा बढ़ाने के लिए तेजी से कार्य करने को कहा। कलेक्टर ने आवर्ती चराई से लगभग 500 मीटर दूरी पर स्थित तालाब से लिफ्ट एरीगेशन से पानी नहीं लिए जाने पर नाराजगी प्रकट की। उन्होंने कहा कि आवर्ती चराई और आवर्ती चराई की जो परिकल्पना की गई है, उसमें हम तभी खरे उतर सकते हैं, जब यहां बहु गतिविधि सेंटर हम विकसित करें। लोगों को इसका लाभ मिले।
इस मौके पर मुख्य कार्यपालन अधिकारी जिला पंचायत आकाश छिकारा, वनमण्डलाधिकारी संदीप बलगा, उप संचालक पशुधन विकास अजमेर सिंह कुशवाह सहित वन विभाग के अधिकारी कर्मचारी तथा समूह की महिलाएं उपस्थित थीं।