दन्तेवाड़ा
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
बचेली, 27 मई। एनएमडीसी द्वारा छत्तीसगढ़ के बचेली और किरंदुल परियोजना क्षेत्र के आस-पास के 29 आदिवासी छात्र-छात्राओं का चयन कर उन्हें रोजगारोन्मुखी प्रशिक्षण के लिए सेंचुरियन विश्वविद्यालय, भुवनेश्वर भेजा गया था। सेंचुरियन विश्वविद्यालय भेजे गए सभी विद्यार्थियों ने अपना प्रशिक्षण सफलतापूर्वक पूरा कर लिया है और प्रशिक्षित सभी विद्यार्थियों को नौकरी भी मिल गई है।
एनएमडीसी और सेंचुरियन विश्वविद्यालय के बीच हुए एमओयु के तहत अक्टुबर 2021 में एनएमडीसी परियोजना क्षेत्र के आस-पास के गांवों से अनुसूचित जनजाति वर्ग के तीस विद्यार्थियों का चयन कर उन्हें भुवनेश्वर भेजा गया था। सेन्चुरियन विश्वविद्यालय के पहले बैच के 29 छात्र-छात्राओं को रक्त संग्रह तकनीशियन (फ्लेबोटॉमी) की 6 माह की ट्रेनिंग दी गयी। छात्र-छात्राओं को पढ़ाई के साथ-साथ सिलाई, मिट्टी के सामान बनाने, कागज़ को रिसाईकल कर सजावटी सामग्री निर्माण समेत अन्य कौशल प्रशिक्षण भी दिया गया।
प्रशिक्षण के बाद स्नातक दिवस कार्यक्रम का आयोजन कर सभी विद्यार्थियों को प्रमाण पत्र दिए गए। इस बीच रक्त संग्रह तकनीक (फ्लेबोटॉमी) में प्रशिक्षित शत-प्रतिशत विद्यार्थियों की 2050 हेल्थ सर्विस कंपनी भुवनेश्वर में नौकरी भी लग गई है। प्रशिक्षित युवक-युवतियों को प्रारंभ में 12,840-13,440 रूपए प्रतिमाह का वेतन दिया जाएगा।
एनएमडीसी के अध्यक्ष सह प्रबंध निदेशक सुमित देब ने प्रशिक्षित युवक-युवतियों के उज्जवल भविष्य की कामना करते हुए उन्हें बधाई और शुभकामनाएं दी है। उन्होंने कहा कि एनएमडीसी अपने परियोजना क्षेत्र के सर्वांगिक विकास में सदैव भागीदार रहा है और स्थानीय लोगों के शिक्षा, चिकित्सा, पेयजल और आधारभूत जरूरतों को पूरा करने में आगे भी अपनी भागीदारी निभाता रहेगा।
गौरतलब हो कि स्थानीय युवाओं को स्वास्थ के क्षेत्र में कौशल उन्नयन के लिए एनएमडीसी ने सेंचुरियन विश्वविद्यालय, जटनी, भुवनेश्वर (ओडि़सा) के साथ एक समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर किया है जिसके तहत स्वास्थ्य क्षेत्र से जुड़े हुए विभिन्न प्रकार के कौशल प्रशिक्षण सेंचुरियन विश्वविद्यालय के द्वारा चयनित विद्यार्थियों को दिया गया। इस योजना के तहत वर्ष 2021-22 के दौरान दंतेवाड़ा के सामाजिक व आर्थिक रूप से पिछड़े 60 आदिवासी छात्र-छात्राओं को संस्थान में प्रवेश दिया गया। छात्र-छात्राओं को 29-31 के बैच में अक्टूबर/नवम्बर में सेंचुरियन विश्वविद्यालय, भुवनेश्वर भेजा गया था।