बलौदा बाजार
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
बलौदाबाजार, 29 मई। मुख्यालय के प्रमुख प्राचीन तालाबों में पैठू अवैध कब्जों की वजह से अपने अस्तित्व के लिए जूझ रहे हैं, अधिकांश स्थानों पर पैठू में आसपास के मोहल्ले वासी गैर जिम्मेदार तरीके से घरों के नाली की निकासी के अलावा कचरा डाल रहे हैं, जिससे पैठू पटने के कगार पर पहुंच चुका है। यही स्थिति ऐतिहासिक रामसागर तालाब के पैठू की भी है जो अतिक्रमण तथा रखरखाव ना होने की वजह से अत्यधिक दूषित हो चुका है, यही नहीं पूरे पैठू जलकुंभी से अटा पड़ा हुआ है, यद्यपि गत दिवस कलेक्टर के ऐसे तालाबों के भ्रमण पश्चात नगर पालिका अध्यक्ष के निर्देश पर पैठू की गंदगी की सफाई कराई जा रही है, परंतु जब तक पैठू के किनारे स्थित घरों की निस्तारित व कचरा फेंकना बंद नहीं किया जाता हैं, तब तक यथास्थिति बनी रहेगी क्योंकि पूर्व में भी कई अवसरों पर जागरूक युवाओं प्रशासन व नगर पालिका द्वारा ऐसा प्रयास किया जा चुका है
पैठू करता है प्रकृति छनन का कार्य
सामान्य तौर पर पैठू तलाब के लिए अत्यधिक महत्वपूर्ण इकाई है। इस पैठू के माध्यम से तालाब के कैचमेंट क्षेत्र से बारिश के दौरान पानी तालाबों तक पहुंचता है। पैठू की संरचना इस प्रकार होती है कि बारिश के साथ बहकर आई गंदगी व कचरा पैठू में भी रुक जाता है, जबकि अपेक्षाकृत साफ पानी तालाब में पहुंचता है। वर्तमान में यही पैठू अत्यधिक दूषित हो चुके हैं, जिसका दुष्प्रभाव तालाबों के स्वच्छ पानी पर भी पडऩे लगता है। जनहित में नगर के प्रमुख तालाबों में पैठू का सर्वे कर इसके केचमेंट एरिया में किए गए अतिक्रमण को हटाने के अलावा सफाई के आवश्यक जागरूक नगर वासियों द्वारा महसूस की जा रही है।