गरियाबंद
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
राजिम, 1 जून। महासमुंद लोकसभा के पूर्व सांसद एवं भाजपा पिछड़ा वर्ग प्रकोष्ठ के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष चंदूलाल साहू ने राज्य सरकार पर तीखा प्रहार करते हुए कहा कि राज्यसभा चुनाव में छत्तीसगढ़ के बाहरी लोगों को टिकट देकर भूपेश सरकार ने यह बात सार्वजनिक कर दी है कि छत्तीसगढिय़ा सबले बढिय़ा का उनका नारा केवल एक ढोंग है, 10 जनपथ के इशारे पर बाहरी लोगों को राज्यसभा भेजा जाना इस बात की पुष्टि करता है कि भूपेश बघेल नाम के मुख्यमंत्री हैं, जो 10 जनपथ से संचालित होते हैं।
मुख्यमंत्री जानते हैं कि अगर उन्होंने 10 जनपथ के आदेश की तौहीन की तो अगले दिन उनकी जगह टीएस बाबा को गद्दी सौंप दी जाएगी, इसलिए अपनी गद्दी को बचाए रखने उन्होंने छत्तीसगढिय़ा स्वाभिमान की भी चिंता नहीं की, जो निंदनीय है। श्री साहू ने तंज कसते हुए कहा कि कांग्रेस के अनुसार छत्तीसगढ़ के लोग बासी खाने और गोबर बीनने तक सीमित रहें और मलाईदार पदों का सपना देखना छत्तीसगढिय़ा लोग छोड़ दें। श्री साहू ने आगे कहा कि मुख्यमंत्री बघेल छत्तीसगढ़ के सीधे-साधे लोगों को बाटी-भौंरा, गिल्ली-डंडा आदि में ही उलझाए रखना चाहते हैं, जिससे उनकी सरकार को छत्तीसगढिय़ा लोगों की सहानुभूति मिलती रहे, लेकिन मुख्यमंत्री को ध्यान रखना चाहिए कि काठ की हांडी बार-बार नहीं चढ़ती, श्री साहू ने आगे कहा कि परदेशिया लोगों की खिलाफत करने के मामले में चंद लोगों के नायक बन चुके मुख्यमंत्री के पिता नंदकुमार बघेल आज कहां गायब हो गए हैं ? क्या उन्हें दिखाई नहीं दे रहा है कि राजीव शुक्ला और रंजीत रंजन परदेशिया हैं और छत्तीसगढिय़ा लोगों के हक पर उनके ही बेटे की सरकार और उनकी पार्टी कुठाराघात कर रही है, स्पष्ट है कि दोनों पिता-पुत्र केवल अपने निजी स्वार्थ के लिए छत्तीसगढिय़ावाद का ढोंग करते हैं । ऐसे लोगों को छत्तीसगढ़ की जनता अगले वर्ष होने वाले विधानसभा चुनाव में निश्चित तौर पर मुंहतोड़ जवाब देगी श्री साहू ने कहा कि भाजपा ने आज तक किसी भी बाहरी को छत्तीसगढ़ से राज्यसभा नहीं भेजा है और हर बार छत्तीसगढिय़ा को ही राज्यसभा भेजकर छत्तीसगढ़ का मान-सम्मान बरकरार रखा है। भाजपा के छत्तीसगढिय़ावाद का इससे बड़ा उदाहरण और क्या हो सकता है।