सुकमा
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
सुकमा, 6 जून। सुकमा जिले के विकासखण्ड छिंदगढ़ के डोडपाल पंचायत के ग्राम तोंगरास की 80 साल की वोयामी हिडमे के पति की मृत्यु हुए लगभग 15 वर्ष बीत चुके हैं, इसका कोई भी पालन-पोषण करने वाला नहीं है। बेहद दयनीय अवस्था में ये अपने जीवन के बाकी के दिन गुजार रही हैं। एक टूटे-फूटे ताड़ के पत्ते की चारदीवारी से घिरे हुए झोपड़े में रह कर हर आने वालों को एक आशा भरी निगाहों से देखती हैं।
लगातार शासन के समक्ष सुकमा की समस्याओं का ध्यानाकर्षण कराने हेतु ग्राम भ्रमण पर निकली भाजयुमो प्रदेश उपाध्यक्ष व अधिवक्ता दीपिका शोरी जब इन 80 वर्षीय अम्मा के घर पहुंचीं तो इनकी दयनीय हालत देखकर दीपिका की आंखें भी भर आईं। बूढ़ी अम्मा ने गोंडी भाषा में कहा कि नोनी एक घर दिलवा दो।
दीपिका ने कहा कि एक टूटी चारपाई, ताड़ के पत्तों की चारदीवारी, चंद बर्तन और तन पर फटे कपड़े और क्या मापदंड हो सकता है पीएम मोदी की महती योजना पीएम आवास की पात्रता रखने को। इन बूढ़ी माता के इस हालात के जिम्मेदार वो सभी लोग हैं, जो शासन प्रशासन के सिस्टम से पूरी तरह जुड़े हुए हैं, फिर चाहे वो अधिकारी हों, कर्मचारी हों या पंचायत से लेकर विधानसभा व लोकसभा के जनप्रतिनिधियों के अलावा राजनितिक पार्टियों का प्रतिनिधित्व करने वाले लोग।
आगो कहा कि एक आदिवासी बुजुर्ग महिला जो अपने जीवन के इस पढ़ाव में आने वाले बरसात के दिनों में उनकी क्या हालत होगी, इनकी वर्तमान परिस्थिति को देखकर अंदाजा लगाया जा सकता है। सबको अपनी जिम्मेदारी का अहसास होना चाहिए मैं स्वयं व्यक्तिगत रूप से कलेक्टर सुकमा से मिलकर इनकी हालात से अवगत करवाउंगी।
पहले की झोपड़ी पिछले वर्ष बरसात में गिर गई, नहीं मिला मुआवजा
गत वर्ष बारिश के दौरान इनकी छोटी से झोपड़ी जिसमें वो रहती थी, वो भी गिर गई । इसके बाद पास के ही गांव कलमुंडा में रहने वाले इनके रिश्तेदारों ने इनकी यह झोपड़ी बना दी, उसके बाद वो यहीं पर रह रही हैं।
दीपिका ने बताया कि इस विषय पर प्रधानमंत्री आवास योजना के जिला समन्वयक सचिन से बात की तो उन्होंने पीएम आवास की प्रतीक्षा सूची देखने के बाद ही इस दिशा में कुछ करने की बात की।