सूरजपुर
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
प्रतापपुर, 7 जून। सूरजपुर से आए हाथियों के दल द्वारा जिले के प्रतापपुर तहसील अंतर्गत सीमावर्ती गांव में फसल और घरों को नुकसान पिछले पांच दिनों से पहुंचाया जा रहा है। कई हाथी अभी भी गांव के समीप जंगल में ठहरे हुए हैं।
सोमवार को जिले के प्रशासनिक अमला ने प्रभावित गांवों का दौरा किया और हाथियों द्वारा किए गए नुकसान का जायजा लिया तथा इन इलाके में विकास से जुड़े कार्य कराए जाने के निर्देश दिए गए।
कलेक्टर इफ्फत आरा ने मकनपुर पहुंचकर ग्रामीणों से उनकी समस्याओं को सुनकर तत्काल निराकरण करने का आश्वासन दिया। इसके पश्चात कलेक्टर ने प्रशासनिक अमले के साथ प्रभावित लोगों से बातचीत कर अधिकारियों को निर्देशित किया कि इनकी सुरक्षा से किसी भी प्रकार का खिलवाड़ नहीं होना चाहिए।
ग्रामीणों ने जताई नाराजगी
हाथी प्रभावित क्षेत्र के दौरे के दौरान ग्रामीणों ने कलेक्टर के सामने वन विभाग की लापरवाही को लेकर नाराजगी व्यक्त की। ग्रामीणों ने कहा कि समूचा संसाधन होने के बाद भी वन विभाग के अधिकारी-कर्मचारी बिल्कुल भी ध्यान नहीं देते हैं, जिसकी वजह से 10-15 दिनों में प्रतापपुर वन परिक्षेत्र में तीन लोगों की मौत हो चुकी है। इस पर कलेक्टर ने विभाग के अधिकारियों कर्मचारियों को फटकार लगाते हुए समस्याओं का समाधान करने की बात कही।
वन विभाग का सायरन प्रयोग फेल
गौरतलब है कि जिले के हाथी प्रभावित क्षेत्र प्रतापपुर में वन विभाग के द्वारा गांव में सायरन लगाया गया है , जिसमें यह बताया गया था कि इस सायरन के जरिए ग्रामीणों को क्षेत्र में हाथियों का होने की सूचना मिलेगी, जो एक एप्लिकेशन के जरिए बीट के कर्मचारी के मोबाईल से कनेक्ट है, लेकिन इस हादसे के बाद यह प्रयोग वन विभाग का असफल होता नजर आ रहा है। वन विभाग के द्वारा समय पर हाथियों के आने की खबर ग्रामीणों को नहीं दे पाने के चलते आए दिन ऐसी बड़ी घटनाएं घट रही है।
ग्रामीणों का आरोप- वन विभाग नहीं कराता मुनादी
प्रतापपुर वन परिक्षेत्र में हो रही लगातार मौत को देखते हुए अब वन विभाग पर लगातार सवाल खड़े होने लगे हैं। ग्रामीणों का आरोप है कि वन विभाग के द्वारा कभी मुनादी नहीं कराई जाती है, जिसके चलते लगातार हाथियों से इंसानों के मौत का सिलसिला थमने का नाम नहीं ले रहा है।
हाथी प्रभावित क्षेत्रों के दौरे के दौरान कलेक्टर के साथ डीएफओ, संजय यादव एसडीएम, दीपिका नेताम तहसीलदार सहित अन्य विभागों के अधिकारी मौजूद थे।