बीजापुर
दफ्तर में अब भी सन्नाटा, काम पर नहीं लौटे कर्मी
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
बीजापुर, 10 जून। 66 दिनों तक चले मनरेगा कर्मियों की हड़ताल को खत्म हुए तीन दिन बीत गये हैं, लेकिन कोई भी मनरेगा कर्मी अब तक काम पर नहीं लौटा हैं। उन्हें बर्खास्त किये गये सहायक परियोजना अधिकारियों की बहाली का इंतजार हैं।
ज्ञात हो कि मनरेगा अधिकारी-कर्मचारियों की बेमियादी हड़ताल बुधवार आबकारी मंत्री कवासी लखमा के समझौता आश्वासन के बाद तीन माह के लिए खत्म कर दी गई है। हड़ताल खत्म होने के बाद गुरुवार से मनरेगा कर्मियों को काम पर वापस लौटना था, लेकिन बर्खास्त किये गए सहायक परियोजना अधिकारियों की बहाली का आदेश अब तक जारी नहीं किये जाने से कोई भी मनरेगा कर्मी शुक्रवार तक काम पर नहीं लौटे हैं।
मनरेगा कर्मियों का साफ कहना है कि जब तक सहायक परियोजना अधिकारियों की बहाली नहीं हो जाती, तब तक वे काम पर नहीं लौटेंगे। मनरेगा कर्मियों ने पहले ही बर्खास्त किये गए सहायक परियोजना अधिकारियों की बहाली की मांग रख दी थी। बावजूद शुक्रवार तक बहाली आदेश जारी नहीं किया गया था।
इधर हड़ताल खत्म होने के बाद भी दफ्तर में सन्नटा पसरा रहा। जानकारी हो कि 4 अप्रैल से जिले के मनरेगा अधिकारी कर्मचारी अपनी 2 सूत्रीय मांगों को लेकर बेमियादी हड़ताल पर थे। हड़ताल के दौरान जिले के 187 मनरेगा कर्मी एनएच के किनारे आत्मानंद स्कूल के पास धरना में बैठे रहे। आने वाले दिनों में बारिश शुरू होनी है, जबकि अभी भी 15 दिनों तक काम किया जा सकता है। किंतु प्रशासनिक अमला सुस्त नजर आ रहा है। हालात ऐसे ही रहे तो आगामी दिनों में मनरेगा कर्मी विरोध का नया तरीका अपना सकते।