बालोद
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
बालोद, 13 जून। डौंडीलोहारा अंतर्गत आने वाले बालोद जिले के ग्राम पंचायत बिटाल के आश्रित गांव हितकसा में एक किलोमीटर दूर से ग्रामीण पानी लाने मजबूर है। इस गांव में लगभग 70 घर हैं, जहां ग्रामीण गर्मी के दिनों में पानी की एक बूंद के लिए तरसते हैं। कहने को तो गांव में 10 हैंड पंप व एक वाटर प्यूरीफायर लगा है, लेकिन वाटर प्यूरीफायर में एक घंटे से ज्यादा पानी नहीं निकलता और 10 हैंडपंप में से केवल दो ही चालू हैं, जिसमें भी गंदा पानी निकलता है।
लिहाजा, गांव की महिलाएं हितकसा से लगभग एक किलोमीटर दूर गांव झिकाटोला से पानी लाते हैं तो कभी गांव से निकलने वाली राष्ट्रीय राजमार्ग निर्माण में लगे एजेंसी की पानी टैंकर से पानी भर प्यास बुझाते हैं। गांव में खोदा गया एक बोर ग्रामीणों के लिए सहारा था, जिसमें लगे टेंपरेरी बिजली कनेक्शन को भी लगभग 6 माह से काट दिया गया है। महिलाएं वोट नहीं देने पर सरपंच के भेदभाव करने का आरोप लगाते हैं, वहीं सरपंच अपने ऊपर लगे आरोप को निराधार बताते हुए पानी का वाटर लेवल नीचे चले जाने व पीएचई विभाग को जानकारी देने की बात कहते दो-तीन दिन में पानी की समस्या दूर करने की बात कहती है।
सुशीला बाई यादव बताती है कि सरपंच ने हमारे बोर का कनेक्शन कटवा दिया है। झिकाटोला से पानी लाते है, तो कभी नेशनल हाइवे का निर्माण कर रहे टैंकर का पानी लेने इंतजार करते हैं, तब जाकर प्यास बुझती है।
केबिनेट मंत्री अनिला भेडिय़ा से शिकायत की है, कार्रवाई का आश्वासन मिला है, वहीं यशोदा बाई बताती हैं कि उनके गांव में हैंडपम्प तो लगा है, लेकिन किसी में गंदा पानी तो किसी में पानी ही नहीं आता। सरपंच पवन बाई हमको वोट नहीं दिए हो बोलकर गांव के हैंडपम्प को नहीं बनवाती और बोर लगा था, उसका भी कनेक्शन कटवा दिया है। अब बूंद-बूंद पानी के लिए तरस रहे हैं।