गरियाबंद

ओलावृष्टि के मुआवजे में हेरा-फेरी का आरोप, कौंदकेरा के किसान पहुंचे कलेक्ट्रेट, कार्रवाई की मांग
14-Jun-2022 2:46 PM
ओलावृष्टि के मुआवजे में हेरा-फेरी का आरोप, कौंदकेरा के किसान पहुंचे कलेक्ट्रेट, कार्रवाई की मांग

‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
गरियाबंद, 14 जून। 
कौंदकेरा ग्राम के सैकड़ों किसान सोमवार को कलेक्टर जन दर्शन में पहुँच बीते वर्ष 2020-21 में ओलावृष्टि से क्षतिग्रस्त फसल के लिए शासन ने सर्वे कराकर अनुदान प्रदान किया था। शासन के नियमानुसार ग्राम कौंदकेरा मे भी सर्वे किया गया था। लेकिन संबंधितों के द्वारा जानबूझकर अपने चहेते कृषकों के रकबा में बिना उचित आधार के अत्यधिक बढ़ोत्तरी करके करोड़ो का घोटाला किया गया है, जबकि उक्त किसानों के नाम पर उतने रकबा राजस्व अभिलेख में दर्ज ही नहीं वास्तविक रूप से क्षतिग्रस्त हुए कृषकों को जानबूझ कर कम रकबा तथा अपने चहेतों के नाम से दिखा कर उसके हक के अनुदान में डाका डाला गया फर्जी तरीके से रकबा बढ़ाकर अधिक अनुदान दिलवाया गया है।

पूरा मामला ग्राम पंचायत कौंदकेरा पटवारी हल्का नम्बर 35 का है, जहां बीते वर्ष सन 2021 में रबी फ़सल में धान की खेती कर रहे किसानों के फसलों में आंधी और ओले गिरने से फसल पूरी तरह बर्बाद हो गया। उस समय कुछ किसानों का धान पूरी तरह कट चुका था लेकिन अधिकतर किसानों के फसल में ओलावृष्टि और आंधी के चपेट आ जाने की वजह से भारी नुकसान और कर्ज से जूझना पड़ा। ऐसे में किसानों ने सरकार से लगातार और बार-बार मुआवजे की मांग कर रहे थे जिस पर पंचायत ने अपने खर्चे से किसानों के साथ गरियाबंद कलेक्ट्रेट जाकर कलेक्टर से मुआवजे राशि की मांग-मांग करते करते थक चुके थे जो एक वर्ष पूर्ण होने के बाद सार्थक और सफल हुआ।

लेकिन यह सफलता उस वक्त निराशा में बदल गया जब पटवारी और कोतवालों ने जानबूझकर लापरवाही पूर्वक अपने घर में बैठे-बैठे सर्वे कर सर्वे रिपोर्ट तहसील कार्यालय में जमा कर दिया और मुआवजे राशि का बंदरबाट कर दिया। अब आलम यह है जिस किसान के खेत की फसल की कटाई ओलावृष्टि के पहले हो चुका था, उनको 100 फीसदी मुआवजा किसान के खाते में जमा हो गया है। जब मुआवजे की सूची सूचना के अधिकार के तहत प्राप्त की गई तो उसमें खुलासा बड़ा चौकाने वाला आया जिम्मेदार कर्मचारी ने चुनिंदा किसानों के खातों में जरूरत से ज्यादा रकबा बता कर हजारों और लाखों तक कि मुआवजा राशि डलवा दिया गया है। जिस किसान का फसल 100 फीसदी बर्बाद हो चुका है, उस किसान के खाते में नाम मात्र मुआवजा या फिर मुआवजा राशि आया ही नहीं है। छोटे -छोटे किसान जिनकी एक हेक्टेयर तक कि जमीन नहीं है, उनके लिए तो मुआवजा राशि बनाया ही नहीं है। इस  लापरवाही को लेकर कौंदकेरा किसानों में भारी आक्रोश है।

ऐसे में कौंदकेरा के किसान सैकड़ो की संख्या में गरियाबंद कलेक्ट्रेट पहुंचकर इस मामले जांच कर दोषियों के ऊपर कार्यवाही करवाने व न्याय दिलाने की मांग किये है, लेकिन जब कलेक्ट्रेट पहुंचे तो कलेक्टर मौजूद नहीं था। कलेक्टर की अनुपस्थिति में जिला पंचायत सीईओ रोतिमा यादव को मुख्यमंत्री के नाम ज्ञापन सौंपा, जिस पर जल्द से जल्द जांच कर कार्रवाई करने का आश्वासन दिए है।
 

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