गरियाबंद

खरीफ फसलों के समर्थन मूल्य में बढ़ोतरी से किसानों में हर्ष- संदीप
15-Jun-2022 2:53 PM
खरीफ  फसलों के समर्थन मूल्य में बढ़ोतरी से किसानों में हर्ष- संदीप

‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
राजिम, 15 जून।
भाजपा किसान मोर्चा के प्रदेश प्रभारी संदीप शर्मा ने पत्रकारों से चर्चा करते हुए कहा कि केंद्र की मोदी सरकार द्वारा खरीफ की फसलों के समर्थन मूल्य बढ़ाए जाने से किसानों में हर्ष व्याप्त है। धान के साथ साथ दलहन तिलहन के दाम में अभूतपूर्व बढ़ोतरी से राज्य के किसान कैश क्राप की ओर जायेंगे। श्री शर्मा ने आगे कहा की राज्य में कांग्रेस की भूपेश सरकार बनने के बाद केन्द्र की मोदी सरकार द्वारा धान के समर्थन मूल्य में जो बढ़ोतरी की जा रही है, उसका लाभ किसानों को नही दिया जा रहा है। पिछले तीन वर्षों से बढ़ाए गए दाम को भूपेश सरकार द्वारा घोषित मूल्य में नही जोड़ा जा रहा है।

उन्होंने कहा की मोदी सरकार ने पिछले 8 सालों में खरीफ की फसलों के दाम में 50 से 80 प्रतिशत तक की बढ़ोतरी की है जो अभूतपूर्व है। इस वर्ष समर्थन मूल्यों में 92 से लेकर 582 रुपए तक वृद्धि के फलस्वरूप धान के समर्थन मूल्य 100 रु की बढ़ कर 2060 रुपए तक हो जायेंगे। वहीं तिलहनी के क्षेत्र में तिल का समर्थन मूल्य 7830 रु, सोयाबीन 4300रु सूरजमुखी 6400रु, मूंगफली 5850रु, दलहनी में उड़द, अरहर 6600 रुपए, तो मूंग के दाम बढ़ाकर 7755 रुपए कर दिए गए हैं।

श्रीशर्मा ने आगे कहा कि दलहन, तिलहन के दाम में अच्छी बढ़त होने से राज्य के किसान एक बार फिर कैश क्राप की ओर जायेंगे। पूर्ववर्ति कांग्रेस सरकार द्वारा फसलों के समर्थन मूल्य में नाममात्र की बढ़ोतरी जैसे धान में 5-10 रुपए तो दलहनी तिलहनी में 20-25 रुपए क्विंटल की बढ़ोतरी की जाती थी। किसान हितैषी मोदी सरकार में अब यह बढ़ोतरी 100रु से 582 रुपए की हो रही है, यह अभूतपूर्व है। भाजपा किसान मोर्चा इसके लिए केंद्र के मोदी सरकार के प्रति आभार प्रगट करती है।

भाजपा किसान मोर्चा के नेताओं ने कहा कि किसान हितैषी मोदी सरकार किसानों को मजबूत बनाने अनेक कदम उठा रही है, किसान सम्मान निधि के माध्यम से देश के 10 करोड़ से अधिक लघु सीमांत किसानों को 11 किस्तों के माध्यम से 1 लाख 90 हजार करोड़ की सहायता अब तक दी जा चुकी है।

यूरिया और डीएपी के दाम 2014 के समतुल्य रखने सब्सिडी बढ़ाई गई है। डीएपी पर अभी सब्सिडी बढ़ाकर 50000 रुपए प्रति टन किया जा चुका है, गांव गरीब की सहायता के लिए कोरोना काल में महिलाओं के खाता में तीन बार में करोड़ों रुपए दिए गए, महिलाओं को गैस कनेक्शन, 80 करोड़ यूनिट को प्रति माह अतिरिक्त निशुल्क 5 किलो चांवल और चना दिए जा रहे हैं। देश के नागरिकों को निशुल्क कोरोना के 2 अरब से अधिक टीके लगाए जा चुके हैं।

दूसरी तरफ राज्य की भूपेश सरकार के राज में किसान खाद कालाबाजारी के शिकार हो रहे है, करोड़ों रुपए के फर्जी कामपोस्ट खाद किसानों को जबरदस्ती लेने मजबूर किया जा रहा है, रकबा कटौती, बारदाना संकट से किसान परेशान हैं, धान खरीदी में विलंब करने से सुखत का प्रति एकड़ 2500रुपए का नुकसान किसानों को उठाना पड़ रहा है। मंडियों में धान समर्थन मूल्य से 600 से 700 रुपए नीचे बिक रहे हैं और भूपेश बघेल किसानों का तमाशा देख रहे हैं।

किसान मोर्चा के जिला प्रभारी अजय साहू ने कहा कि गरियाबंद जिला के सहकारिता से जुड़े किसानों को किसान सम्मान निधि के 10वीं और 11वीं किस्त की राशि नही मिली है। यह भूपेश सरकार की घोर प्रशासनिक लापरवाही कहें या षड्यंत्र का नतीजा है। किसान मोर्चा के जिला महामंत्री मनीष हरित ने प्रधानमंत्री आवास लौटाने, आयुष्मान भारत योजना छत्तीसगढ़ में लागू नही करने को भूपेश सरकार का किसान विरोधी चेहरा कहा। उन्होंने आगे कहा की केंद्र द्वारा गरीब और किसानों को दिए जा रहे निशुल्क अतिरिक्त चांवल और में चना वितरण में भ्रष्टाचार कर कांग्रेस की भूपेश सरकार ने एक बार फिर अपना गांव, गरीब और किसान विरोधी चेहरा को उजागर किया है। इस अवसर पर मनीष हरित, पवन सिन्हा सहित अनेकों लोग उपस्थित थे।
 

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