बिलासपुर
आठ लाख लेकर बेरोजगार को थमाया एएसआई का फर्जी नियुक्ति पत्र
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
बिलासपुर, 17 जून। सिविल लाइन पुलिस ने अपने ही विभाग के एक कांस्टेबल, भारतीय जनता पार्टी के पार्षद और नगर निगम के एक कर्मचारी को गिरफ्तार किया है। तीनों ने मिलकर एक युवक से आठ लाख रुपए की ठगी करते हुए उसे एएसआई का फर्जी नियुक्ति पत्र थमा दिया।
जानकारी के मुताबिक 28 साल का पीयूष प्रजापति करगी रोड कोटा में रहता है और पोस्ट ग्रेजुएट है। अपने पिता के साथ वह गांव में खेती किसानी करता है। करीब 1 साल पहले उसकी पहचान नगर निगम के कर्मचारी 58 वर्षीय भोज राज नायडू से हुई। भोजराज ने उसे पुलिस विभाग में नौकरी लगा देने का झांसा दिया। उसे लेकर वह हेमू नगर के भाजपा पार्षद रेणुका नागपुरे के पास गया। रेणुका ने नौकरी लगाने के लिए 8 लाख रुपए खर्च बताया। उसने सिविल लाइन थाने में पदस्थ आरक्षक पंकज शुक्ला को अपने पास बुलाया और पीयूष प्रजापति से उसे 8 लाख रुपए दिलवाए। इसमें से चार लाख रुपये नागपुरे ने अपने पास रख लिए। पीयूष ने जनवरी 2020 में ये रुपये दिए थे। इसके बाद लगातार वह पार्षद, कांस्टेबल और नगर निगम के कर्मचारी के चक्कर काटता रहा। सिविल लाइन पुलिस ने बताया कि 15 जून को प्रार्थी पीयूष प्रजापति एसपी ऑफिस पहुंचा। उसके हाथ में एएसआई का नियुक्ति पत्र था। नीचे एसएसपी पारूल माथुर का हस्ताक्षर था। उसने अपनी जॉइनिंग के लिए वहां बैठे हुए डीएसपी से बात की। पुलिस अधिकारियों ने इस नियुक्ति पत्र को देखकर तुरंत यह निष्कर्ष निकाल लिया कि पत्र फर्जी है। उसने पीयूष को बिठा लिया और सिविल लाइन के थानेदार परिवेश तिवारी को फोन करके बुला लिया। पूछताछ के बाद प्रार्थी ने बताया उससे कांस्टेबल पीयूष शुक्ला को 4 लाख और रेणुका नागपुरी को भी चार लाख दिए हैं। ये पैसे नगर निगम के कर्मचारी ने दिलवाए।
थाना प्रभारी तिवारी ने बताया कि बीजेपी पार्षद रेणुका नागपुरे, नगर निगम कर्मचारी भोजराज नायडू और सिविल लाइन के कांस्टेबल पंकज शुक्ला ने मिलकर षडयंत्र पूर्वक पीयूष से 8 लाख रुपये ठगी की और फर्जी नियुक्ति पत्र थमाया है। तीनों को गिरफ्तार कर लिया गया है उनके विरुद्ध 467, 468, 471, 120 बी के तहत अपराध दर्ज कर कोर्ट में पेश किया गया, जहां से जेल भेज दिए गए हैं।