गरियाबंद
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
राजिम, 19 जून। शासकीय राजीव लोचन स्नातकोत्तर महाविद्यालय राजिम द्वारा आभासी मोड में आयोजित योग कार्यशाला के दूसरे दिन बड़ी संख्या में जिले के विभिन्न महाविद्यालय के अधिकारी व विद्यार्थियों ने कार्यशाला में अपनी सहभागिता दर्ज की। संस्था के प्राचार्य डॉ सोनिता सत्संगी ने भी इस कार्यशाला में अपनी उपस्थिति सुनिश्चित की। द्वितीय दिवस की योगासनों के फायदे बतलाते हुए योग प्रशिक्षक राघव वर्मा ने प्रारंभिक योगाभ्यास का परिचय देते हुए उसके लाभ व उसके सही रीति से करने के तरीकों से अवगत कराया और अभ्यास करके दिखलाया। प्राण वायु व अपान वायु के अंतर को बखूबी स्पष्ट किया। उन्होंने योगाभ्यास में सांसों की गति पर नियंत्रण पर जोर दिया।
योगाभ्यास में उन्होंने स्कंध चक्र, ग्रीवा चालन, कटि चक्रासन, जानु संचालन आदि खडे होकर किये जाने वाले प्रारंभिक योगासनों पर विस्तार से जानकारी दी साथ ही इन योगासनों का शरीर के विभिन्न अंगों के लिए कितना फायदेमंद की जानकारी दी। उन्होंने कहा कि आज के समय में अधिकांश लोगों को घुटने में दर्द की शिकायत होती है जिसका प्रमुख कारण हड्डियों के जोड़ों में वायु दोष हो जाने के कारण घुटने में दर्द की समस्या रहती है।
योग के महत्व का अंदाजा इस बात से लगाया जा सकता है कि जितने भी प्रकार की थैरेपी विश्व भर में विद्यमान है वे सभी शरीर में बीमारी आने के बाद ही इलाज करती है किंतु एक मात्र योग ही ऐसा है जो शरीर में बीमारी आने नहीं देता।
यदि हम नित्य दिनचर्या में योग को अपना लें तो शरीर में बीमारियां नहीं आयेगी। इसलिए आज न केवल भारत अपितु समूचा विश्व योग के महत्व को समझ रहा है और अपने नियमित दिनचर्या में अपना रहा है। इस योग कार्यशाला में न केवल योगाभ्यास कराया जा रहा है, बल्कि प्रतिभागियों के मन में उठ रहें जिज्ञासा को भी योगाचार्य राघव वर्मा जी के द्वारा शांत करने का प्रयास किया गया।