दन्तेवाड़ा

परियोजना से प्रभावित गांवों में विकास कार्यों को ले आदिवासी महासभा ने एनएमडीसी घेरा
20-Jun-2022 9:45 PM
परियोजना से प्रभावित गांवों में विकास कार्यों को ले आदिवासी महासभा ने एनएमडीसी घेरा

   शिक्षा, स्वास्थ्य, नौकरी में प्राथमिकता व अन्य मांगें शामिल   

सीएमडी के नाम सीजीएम को सौंपा ज्ञापन

‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
बचेली, 20 जून।
सोमवार को एनएमडीसी परियोजना से प्रभावित गांवों में विकास कार्यों को लेकर दंतेवाड़ा जिला आदिवासी महासभा ने एनएमडीसी का घेराव किया। बचेली के सीआईएसएफ चेकपोस्ट में सैकड़ों की संख्या में मौजूद आदिवासियों ने नारेबाजी करते हुए एनएमडीसी अध्यक्ष सह प्रबंध निदेशक के नाम ज्ञापन मुख्य महाप्रबंधक को सौंपा, जिसमें गांवों में शिक्षा, स्वास्थ्य व अन्य सुविधाओं को लेकर मांग की गई।

पदाधिकरियों ने आरोप लगाते बताया कि दंतेवाड़ा जिले के बैलाडीला पहाड़ में स्थापित एनएमडीसी द्वारा लौह अयस्क उत्खनन करते 62 वर्ष हो चुके हंै। आज पर्यन्त तक परियोजना से प्रभावित पहाड़ के चारों तरफ रहने वाले कोया मूलनिवासियों (आदिवासी) को मूलभूत सुविधा भी क्षेत्र निधि से कुछ नहीं मिला है। विकास के नाम पर शासन, प्रशासन क्षेत्र निधि का सारा पैसा गबन कर रहे हैं। भारत वर्ष में सबसे बड़ा रत्न से सम्मानित पैसा कमाने वाला लौह कारखाना होने के बाद भी एनएमडीसी परियोजना से लगे हुए गांवों में मूलभूत सुविधा व विकास नहीं होना शर्म की बात है। आदिवासी महासभा द्वारा क्षेत्र की मूलभूत समस्याओं को अवरत कराते हुए निम्न मांगों पर एनएमडीसी का ध्यान को आकर्षित करते हंै।

हमारी मांगे हैं-एनएमडीसी परियोजना से प्रभावित 58 गांवों के बच्चों को पढऩे के लिए आदिवासी महासभा बैलाडीला क्षेत्र समिति द्वारा 2010 में किया गया अनुबंध अनुसार एलकेजी से पालिटेकनिक डिग्री तक मॉडल एकेडमी स्कूल का निर्माण कर एनएमडीसी द्वारा संचालित किया जाए। जहाँ का नक्शा-खसरा दिया गया था, वहाँ पर तत्काल निर्माण कराया जाए। परियोजना से प्रभावित 58 गाँवों के बच्चों को एनएमडीसी कारखाना नजदीक होने का लाभ मिले।

एनएमडीसी परियोजना अस्पताल, जिला प्रशासन में इलाज संभव नहीं होने पर डॉक्टर द्वारा बाहर ले जाने के लिए रेफर किया जाता है तो उस वक्त गरीबों के पास बाहर ले जाकर इलाज करने के लिए पैसा नहीं होता, तो ऐसे स्थिति में लोग रोगी को घर ले जाते हैं और उस मरीज का घर पर ही मौत हो जाता है। यह समस्याओं को गम्भीर चिन्तन करते हुए आदिवासी महासभा ने रोगियों को इलाज के लिए एनएमडीसी सीएसआर मद से संजीविनी कोष का गठन कराया है। रोगियों के इलाज के नाम का संजीवनी कोष राशि परियोजना से प्रभवित गावो के लोगों को इलाज के लिए एनएमडीसी को ही सीधे देना होगा। पोटाली पंचायत में 100 सीटर अस्पताल बनाने का एनएमडीसी व प्रशासन के बीच अनुबंध के तहत बनाया जाए।

परियोजना से प्रभावित 58 गाँवों के स्कूली बच्चों को पहली कक्षा से 8वीं कक्षा तक के बच्चों को स्कूल यूनिफार्म प्रतिवर्ष दो जोड़ी प्रदान करें और 9वीं कक्षा से आगे पढऩे वाले विद्यार्थियों को डिग्री हेतु जहाँ तक पढ़ेंगे, वहाँ तक को पूरा खर्च अनुबंध अनुसार दिया जाए।

परियोजना से प्रभावित 58 गांवों के आनाल पेन, करसाड़ के लिए 50 हजार और माता जावरा (मेला) के लिए 25 हजार अनुबंध अनुसार प्रतिवर्ष एनएमडीसी दे। एनएमडीसी द्वारा परियोजना में निम्न पदों की भर्ती में स्थानियों को ही प्राथमिकता दिया जाए।
 
एनएमडीसी किरन्दुल-बचेली कॉम्प्लेक्स से निकलने वाला लालपानी लाल कीचड़, ब्लू डस्ट पहाड़ उस पार गांवो के खेती जमीन के उपर प्रवाहित हो रहा है, खेती जमीन लाल पानी से बंजर हो चुका है। जमीन को तत्काल सर्वे कर उस जमीन का मुआवजा पहाड़ उस पार के ग्रामवासियों को दिया जाए।

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