कोण्डागांव

रात में चलता है रेत का खेल, ग्रामीण क्षेत्रों से हो रही रेत की ओडिशा तस्करी
21-Jun-2022 3:25 PM
रात में चलता है रेत का खेल, ग्रामीण क्षेत्रों से हो रही रेत की ओडिशा तस्करी

‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
केशकाल, 21 जून।
ग्रामीण क्षेत्र से रेत की भारी मात्रा में तस्करी की जा रही है। सूर्यास्त के पश्चात रेत माफिया से जुड़े लोग सक्रिय हो जाते हैं तथा जेसीबी, ट्रैक्टर-ट्रॉली लेकर नालों पर पहुंच जाते हैं, फिर अवैध खुदाई शुरू हो जाता है। क्षेत्र के नदी-नालों से लंबे समय से रेत का अवैध उत्खनन एवं परिवहन हो रहा है।

इस संबंध में आशुतोष शर्मा तहसीलदार केशकाल ने बताया कि घोषित खदानों पर 15 जून के पश्चात रेत उत्खनन एवं परिवहन पूरी तरह बंद कर दिया गया है। किसी भी शिकायत पर विभाग के द्वारा तुरंत कार्रवाई की जा रही है।
बांसकोट, विश्रामपुरी, गारका, माकड़ी जो कि ओडिशा सीमा पर स्थित है, यहां नालों से रेत की तस्करी ओडिशा तक हो रही है। सीमा करीब होने से रेत माफिया से जुड़े लोगों के लिए तस्करी आसान हो जाता है। बांसकोट, मारंगपूरी, लिहागांव में लंबे समय से रेत की तस्करी चल रही है। जहां ग्रामीण महीनों से कार्रवाई की मांग करते आ रहे हैं, किंतु कार्रवाई के नाम पर अफसर दो-तीन वाहनों को पकडक़र महज खानापूर्ति कर रहे हंै।

बताया यह भी जा रहा है कि जिस दिन रेत माफियाओं पर कार्रवाई तय की जाती है, तस्करी से जुड़े लोगों को पूर्व में ही सूचना मिल जाती है तथा इक्का-दुक्का किसी वाहन पर कार्रवाई कर प्रमुख तस्करों को छोड़ दिया जाता है।  रेत की तस्करी की शिकायत कलेक्टर एवं राजस्व विभाग के अधिकारियों, खनिज विभाग के अधिकारियों के अलावा पुलिस विभाग से ग्रामीण कईयों बार करते आ रहे हैं, किंतु अब तक बड़ी कार्रवाई नहीं की गई है, जिससे तस्करी में लिप्त लोगों के हौसले बुलंद हैं।

खनिज विभाग रवैया है उदासीन
आरोप है कि खनिज विभाग इक्का-दुक्का कार्रवाई कर खानापूर्ति में ही लगे रहते हैं। मासिक आंकड़े दर्शाने के लिए पुलिस विभाग के द्वारा पकड़े गए रेत से भरे वाहनों के ऊपर खनिज विभाग कार्रवाई कर केवल आंकड़ा दर्शाने का कार्य कर रही है। खनिज एवं राजस्व विभाग का रवैया ऐसा है कि सुबह 10 बजे के बाद सडक़ पर इनका अमला उतरता है, तब तक तस्कर और माफिया पहले ही खेल पूरा कर बिल में घुस जाते हैं।

माकड़ी के समीप के नालों पर भी अवैध तस्करी जोरों पर है। यहां ग्रामीणों ने रैली निकाल कर रेत तस्करी का विरोध किया था तथा कांग्रेस के नेताओं का नाम उजागर करते हुए तस्करी में संलिप्तता का आरोप लगाया गया था। रैली में बड़ी संख्या में महिलाएं भी शामिल हुई थीं, जिन्होंने रेत तस्करी का पुरजोर विरोध करते हुए शीघ्र कार्रवाई की मांग की थी।

जिले के अनेक नालों पर दिन-रात रेत की तस्करी का खेल चल रहा है। ग्रामीणों के अलावा प्रबुद्ध जनों की शिकायत पर भी कार्रवाई नहीं हो रही है, जिससे ग्रामीणों में आक्रोश पनपता दिख रहा है।
 

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