बालोद
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
बालोद, 21 जून। बालोद जिला चिकित्सालय में स्टाफ की कमी को लेकर महिला मरीजों को सबसे ज्यादा दिक्कतें होती है। बालोद जिले की मितानिनों ने महिलाओं के दर्द को समझा और कलेक्ट्रेट पहुंचकर मांग की कि बालोद जिला चिकित्सालय में पदस्थ एकमात्र स्त्री रोग विशेषज्ञ का भी स्थानांतरण कर दिया गया है, अगर उनका स्थानांतरण होता है तो स्त्री रोग और स्त्रियों की समस्या सुनने वाला कोई नहीं रहेगा।
एक मात्र स्त्री रोग विशेषज्ञ
कलेक्ट्रेट पहुंची महिलाओं ने बताया कि बालोद जिले में जिला चिकित्सालय में मात्र एक ही स्त्री रोग विशेषज्ञ हैं जिनका नाम उमेश श्रीमाली है वर्तमान में उसका स्थानांतरण आदेश निकल चुका है। हम उनका स्थानांतरण रुकवाने के लिए कलेक्टर के पास ज्ञापन देने पहुंचे हुए हैं। उनका कहना है कि एक स्त्री रोग के भरोसे यहां जिला अस्पताल संचालित है यदि उनका भी स्थानांतरण हो गया तो महिलाओं का इलाज कौन करेगा?
मजबूरी में जाना पड़ता है निजी अस्पताल
डॉक्टरों की कमी से जूझ रहे जिला चिकित्सालय में स्त्री रोग विशेषज्ञ ना होने के कारण मजबूरी में लोगों को निजी चिकित्सालय की ओर रुख करना पड़ता है और हर वर्ग सक्षम नहीं होता कि निजी चिकित्सालयों में इलाज करा सके प्रशासन एवं शासन को महिलाओं के इन तकलीफों को समझते हुए स्त्री रोग विशेषज्ञ के स्थानांतरण रोकना चाहिए।
विशेषज्ञ न होने से कर दिया जाता है रिफर
महिला मितानिन कार्यकर्ताएं जो कि कलेक्ट्रेट पहुंची थीं उन्होंने बताया कि 1 दिन स्त्री रोग विशेषज्ञ छुट्टी पर होते हैं तो सभी मरीजों को रेफर कर दिया जाता है अगर वह स्थाई रूप से यहां से स्थानांतरित होकर चल देंगे तो हर मरीजों को हायर सेंटर या फिर निजी चिकित्सालय में रेफर कर दिया जाएगा।
गर्भवतियों को होती है ज्यादा दिक्कत
गर्भवती महिलाओं को सबसे ज्यादा दिक्कत होती है वहीं प्रसव के लिए भी भटकना पड़ता है दरअसल गर्भ धारण से लेकर डिलिवरी तक एक मातृ शिशु विशेषज्ञ की जरूरत होती है ऐसे में इनके ना होने से काटी दिक्कतों का सामना करना पड़ता है।