बिलासपुर
सोलर गांधी के रूप में विख्यात आईआईटी मुंबई के प्रोफेसर का सीवीआरयू में व्याख्यान
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
बिलासपुर, 21 जून। देश में सोलर गांधी के रूप में विख्यात आईआईटी मुंबई के प्रोफेसर चेतन सिंह सोलंकी अपनी बस यात्रा लेकर डॉ. सी. वी. रामन विश्वविद्यालय पहुंचे। उन्होंने पर्यावरण प्रदूषण से होने वाले दुष्प्रभाव एवं बिजली के लिए सोलर ऊर्जा के उपयोग पर व्याख्यान दिया। उन्होंने कहा कि पहले सभी को ऊर्जा साक्षर बनाना होगा। तब ही हम विश्व में लगातार बढ़ते प्रदूषण को रोक पाएंगे और मानव जीवन सुरक्षित रहेगा। वे सौर ऊर्जा के उपयोग की जागरूकता को लेकर 11 साल की भारत यात्रा पर हैं।
व्याख्यान में उन्होंने कहा कि धरती पर मनुष्य के अस्तित्व पर प्रश्न चिन्ह लग गया है। यदि समय रहते हम सभी जागरूक नहीं हुए, तो वह दिन दूर नहीं जब मानव जीवन संकट में होगा। प्रत्येक मनुष्य तेजी से अपनी दिनचर्या में कार्बन उत्सर्जन बढ़ा रहा है। इसके कारण पृथ्वी का तापमान तेजी से बढ़ रहा है। उन्होंने कहा कि हम अपनी जरूरतें सीमित करें और अधिक से अधिक लोकल स्तर पर पूरा करें। उन्होंने अनेक उदाहरणों के माध्यमों से समस्त पृथ्वी में बढ़ते प्रदूषण को दर्शाया। उन्होंने कहा कि कम एनर्जी को युवाओं को फैशन बनाना होगा। तभी हम प्रकृति को सुरक्षित रख सकेंगे।
उन्होंने इस दौरान विद्यार्थियों, प्राध्यापकों और अंचल के लोगों को सौर ऊर्जा के प्रयोग के लिए जागरूक किया। साथ ही विश्वविद्यालय में सौर ऊर्जा का उपयोग अधिक से अधिक किस तरह और किस तरीके जे बेहतर किया जा सकता है, इस बारे में विस्तार से जानकारी दी।
इस अवसर पर उपस्थित विश्वविद्यालय की सम कुलपति डॉ जयति चटर्जी ने कहा कि एनर्जी, क्लाइमेट चेंज और मैं, इन शब्दों के बीच में बहुत स्पेस है। इस स्पेस को हम सभी जागरूकता के माध्यम से ही दूर कर सकते हैं। आज के इस व्याख्यान में हमें यह सब कुछ सीखने मिला कि हमें सबसे पहले अपने आप को बदलना होगा।
इस अवसर पर सीवीआरयू में इंजीनियरिंग के प्राचार्य डॉ.एम.के.तिवारी एवं डॉ. नितिन शुक्ला सहित बड़ी संख्या में विश्वविद्यालय के प्राध्यापक अधिकारी कर्मचारी विद्यार्थी उपस्थित थे। यह आयोजन इंजीनियरिंग विभाग, सेंटर फॉर रिन्यूएबल ग्रीन एनर्जी एवं आईक्यूएसी द्वारा किया गया था।
इस अवसर पर उपस्थित विश्वविद्यालय के कुलसचिव गौरव शुक्ला ने कहा कि प्रोफेसर चेतन सोलंकी 11 साल से यात्रा में हैं और लोगों को जागरूक करने निकले हैं। यह बहुत ही अद्भुत और साहस का कार्य है। विश्वविद्यालय सौर ऊर्जा के क्षेत्र में कार्य करेगा और लगातार जागरूकता की चेन बनाएगा। सबसे पहली जिम्मेदारी विश्वविद्यालयों और शिक्षण संस्थानों की होती है। इस विश्वविद्यालय जिम्मेदारी को हम पूरी निष्ठा और ईमानदारी से निभाएंगे।