गरियाबंद
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
गरियाबंद, 22 जून। विकास खण्ड छुरा के ग्राम कुरूद ( पाण्डुका) निवासी विश्राम साहू की अंतिम इच्छा अनुसार मरणोपरांत उनके सुपुत्र तुकाराम साहू द्वारा नेत्र विभाग को स्वर्गवासी विश्राम साहू का नेत्र दान किया।
स्वास्थ्य विभाग से मिली जानकारी अनुसार मंगलवार को ग्राम कुरूद (पाण्डुका) विकासखण्ड छुरा, जिला गरियाबंद निवासी विश्राम साहू के स्वर्गवास हो जाने पर उनकी अंतिम इच्छा अनुसार उनके सुपूत्र तुकाराम साहू द्वारा जिले के नेत्र विभाग में उनके स्वर्गवास की सूचना देकर बताया की उनके पिताजी नेत्रदान करने के इच्छुक थे। सूचना मिलते ही मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डॉ. एन.आर.नवरत्न के निर्देशानुसार जिले के नेत्र विशेषज्ञ डॉ. टी.सी.पात्रे एवं नेत्र विभाग के जिला सहायक नोडल अधिकारी एस.बोस, दिपिका साहू, (नेत्र सहायक अधिकारी) तथा स्वास्थ्य विभाग टीम ग्राम कुरूद के लिए तत्काल रवाना हुई। ग्राम पहुंच कर सबसे पहले अमर लाल वर्मा, लैब टेक्निशियन के द्वारा मृतक का कोविड-19 जांच किया गया, जांच उपरांत मृतक के कार्निया को निकालने के तुरंत बाद आर.एस. गौतम, नेत्र सहायक अधिकारी को आई बैंक, मेकाहारा रायपुर में कार्निया जमा कराने के लिए रवाना किया गया।
मरणोपरांत नेत्रदान के इस नेक कार्य में डॉ. कीर्तन साहू, खण्ड चिकित्सा अधिकारी, डॉ. सूर्यकांत साहू, मेडिकल आफिसर पी.एच.सी. पाण्डुका, पोसुराम साहू, नेत्र सहायक अधिकारी ने स्वयं उपस्थित होकर इस कार्य में विशेष योगदान दिया। समस्त स्वास्थ्य विभाग मृतात्मा की शांति हेतु प्रार्थना कर उनके परिवारजनों को इस नेक कार्य के लिए साधुवाद ज्ञापित करता है।
विश्राम साहू के दिये इस अमुल्य नेत्रदान से किसी की अंधेरी दुनिया फिर से रौशन होगी।
नेत्रदान के संबंध में डॉ टी.सी. पात्रे नेत्र विशेषज्ञ, जिला चिकित्सालय गरियाबंद ने बताया की मृत्यु उपरांत किसी भी उम्र का कोई भी व्यक्ति नेत्रदान के योग्य होता है, यदि व्यक्ति ने अपने जिवित रहते नेत्रदान की घोषणा नहीं की हो फिर भी यदि परिजन चाहें तो मृतक के ऑखों का दान कर सकते हैं, इसके लिए केवल विभाग को सूचना बस देनी होती है, विभाग की टीम मृतक के घर आकर आई कलेक्ट करती है। नेत्रदान के लिए मृत्यु के 06 घण्टे तक ही नेत्र दान के योग्य होते है, इसलिए तत्काल सूचना देना जरूरी होता है।