धमतरी
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
कुरुद, 23 जून। अविश्वास प्रस्ताव की कार्रवाई दो बार टलने के बाद तीसरी मर्तबा सरपंच की कुर्सी चली गई। पंचों द्वारा लाया गया अविश्वास प्रस्ताव 17 -2 से पारित हो गया। इस तरह कांग्रेस समर्थित महिला सरपंच को अपनी कुर्सी गंवानी पड़ गई।
कुरुद जनपद अंतर्गत ग्राम पंचायत कोड़ेबोड़ के 19 में से 17 पंचों ने सरपंच पर मनमानी और भ्रष्टाचार का आरोप लगाकर अनुविभागीय अधिकारी को आवेदन देकर अविश्वास प्रस्ताव लाने की जानकारी दी थी। जिस पर पहले एसडीएम कार्यालय से बक़ायदा सभी पंचों को 8 जून को भाग लेने सूचना दी गई थी। तब सभी 17 पंच समय में पहुँचे थे, लेकिन बग़ैर कोई कारण बताये चुनाव को 16 जून के लिए टाल दिया गया, लेकिन इस दिन भी अविश्वास प्रस्ताव की कार्रवाई को 23 जून कर दिया गया था।
गुरुवार को जनपद सभाकक्ष में पुलिस बल के मौजूदगी में नायब तहसीलदार राहुल शर्मा, करारोपण अधिकारी डीएस मरकाम की मौजूदगी में निर्वाचन प्रक्रिया प्रारंभ हुई, जिसमें कोड़ेबोड़ सरपंच बिन्दाबाई नेताम को पद से हटाने लाया गया विश्वास प्रस्ताव 17-2 से पारित हो गया।
इस मामले में भाजपा सिर्री मंडल प्रभारी भानु चंद्राकर का कहना है कि सत्ता का धौंस दिखाकर कांग्रेस नेताओं ने अधिकारियों की मदद से भ्रष्टाचार की आरोपी सरपंच की कुर्सी बचाने कोशिश की थी, लेकिन विकास के पक्षधर पंचों ने हार नहीं मानी, अंतत: सत्य की जीत हुई।
इस अवसर पर मंडल अध्यक्ष पुष्पेन्द्र साहू, जनपद सदस्य सुनील गायकवाड़, लोकेश्वर साहू, शक्ति केन्द्र प्रभारी रमेश भतपहरी, पूर्व सरपंच सेवकराम साहू सहित पंच और कोडेबोड के ग्रामीण उपस्थित थे।