धमतरी
जिले में कुपोषण दर में आई 7.75 फीसदी की कमी, सालभर पहले 11.33 फीसदी था
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
धमतरी, 24 जून। जिले में कुपोषण दूर करने कलेक्टर पीएस एल्मा लगातार काम कर रहा है। साल भर में 212 कुपोषित बच्चों को एनआरसी (पोषण पुनर्वास केंद्र) में भर्ती कर स्वस्थ किया। इसका नतीजा यह हुआ कि 3.58 फीसदी कुपोषण दर में गिरावट आई है। सालभर पहले 11.33 फीसदी कुपोषण दर थी, जो घटकर अब 7.75 फीसदी पर आ गई है।
जिले में 1102 आंगनबाड़ी केन्द्र संचालित हैं, जहां पर दर्ज कुपोषित बच्चों को पोषण पुनर्वास केन्द्र भेजा जाता है। अप्रैल 2021 से 15 जून तक कुल 212 गंभीर कुपोषित बच्चों को इन केन्द्रों (एनआरसी) में रखकर उन्हें पोषण आहार दिया गया, बच्चे इससे बाहर आ गए। जिला कार्यक्रम अधिकारी महिला एवं बाल विकास जगरानी एक्का ने बताया कि जिले में 1106 आंगनबाड़ी केन्द्र स्वीकृत हैं, जिनमें से 1102 संचालित हैं। 5 परियोजना कार्यालय संचालित हैं, जिनमें धमतरी शहरी, धमतरी ग्रामीण, नगरी, कुरूद और मगरलोड शामिल हैं। नगरी ब्लॉक में 2 नगरी, दुगली व अन्य सभी ब्लॉक में 1-1 पोषण पुनर्वास केन्द्र स्वास्थ्य विभाग द्वारा संचालित की जा रही है, जिनमें बेड की संख्या 45 है।
क्या है पोषण पुनर्वास केंद्र
राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन के अंतर्गत केंद्र सरकार द्वारा कुपोषित बच्चों की स्थिति को सुधारने जिला अस्पतालों में पोषण पुनर्वास केंद्र (एनआरसी) स्थापित किए हैं। इसमें जन्म से 5 वर्ष तक के उन बच्चों को भर्ती किया जाता है, जो कुपोषित व अतिकुपोषित की श्रेणी में आते हैं। विशेष चिकित्सा सुविधा, खानपान के माध्यम से 15 दिन तक इन्हें भर्ती कर उपचार दिया जाता है। नि:शुल्क जांच, इलाज व खानपान के साथ बच्चों को सुपोषित करने माताओं को भी प्रशिक्षण दिया जाता है। डिस्चार्ज के दौरान प्रत्येक बच्चों को 2250 रुपये की सहायता दी जाती है।
2 साल में 988 बच्चे कुपोषण मुक्त
जिला प्रशासन के मुताबिक 2 साल में 988 बच्चे कुपोषण मुक्त हुए। इनमें 2019-20 में 383 और 2020-21 में 605 बच्चे कुपोषण मुक्त हुए। वहीं 877 गर्भवती महिलाओं को साल 2019-20 में और 2020-21 में 884 गर्भवती महिलाओं को अतिरिक्त पौष्टिक आहार विभाग द्वारा दिया गया है।
बच्चों को यह पूरक पोषण आहार मिल रहे
महिला एवं बाल विकास विभाग के मुताबिक आंगनबाड़ी केन्द्र के बच्चों में कुपोषण दूर करने रेडी टू ईट, गर्म भोजन सहित विभिन्न प्रकार के पूरक पोषक आहार दिए जा रहे है। मुख्यमंत्री सुपोषण अभियान एवं फुलवारी योजना के तहत हितग्राहियों को लाभान्वित किया जा रहा है, जिससे बच्चे और गर्भवती महिलाएं स्वस्थ रहें। उनके कुपोषण के स्तर में सुधार आए।