रायपुर
रायपुर, 24 जून। शुक्रवार को दिल्ली में हुई केंद्रीय दिव्यांग सलाहकार बोर्ड की बैठक में मंत्री श्रीमती भेंडिय़ा ने जिला पुनर्वास केन्द्रों को जिला चिकित्सालय के अनुरूप विकसित करने, कोरोना से प्रभावित दिव्यांगजनों के ऋण माफ करने सहित अन्य मुद्दों की ओर बोर्ड का ध्यान आकर्षित कराया। सामाजिक न्याय और अधिकारिता मंत्रालय द्वारा आयोजित बैठक की अध्यक्षता केंद्रीय मंत्री डॉ वीरेंद्र कुमार ने की।
भेंडिय़ा ने कहा कि जिला पुनर्वास केंद्र दिव्यांगजनों के सर्वांगीण विकास के लिए अत्यंत संवेदनशील एवं आवश्यक संस्थान है। इसे जिला चिकित्सालय के अनुरूप विकसित करने की आवश्यकता है। उन्होंने कहा यदि केंद्र सरकार सहयोग देती है तो इसके लिए राज्य शासन निशुल्क भूमि और संसाधन उपलब्ध कराएगी।
भेंडिय़ा ने दिव्यांगजनों से दबाव डाल कर ऋण की राशि वसूलने का मुद्दा भी उठाया। उन्होंने कहा कि कोविड जैसी आपदा में कई दिव्यांगजनों के रोजगार प्रभावित हुए हैं। नेशनल हैंडीकैप्ड फाइनेंशियल डेवलपमेंट कार्पोरेशन द्वारा राज्य एजेंसियों पर दबाव बनाकर राशि की वसूली की जा रही है। ऐसे प्रकरण में उन्होंने ऋण राशि समाप्त किए जाने की मांग की।
मंत्री श्रीमती भेंडिय़ा ने जानकारी दी कि दिव्यांगजनों के लिए सार्वजनिक स्थलों को सुगम बनाने के लिए प्रदेश की राजधानी में 100 से अधिक सार्वजनिक भवनों को बाधा रहित बनाया गया है। तथा नया रायपुर को दिव्यांगजनों के लिए पूर्णत बाधारहित विकसित किया गया है।
इसके साथ ही उन्होंने कहा कि केंद्र एवं राज्य सरकारों के साथ विभिन्न योजनाओं के क्रियान्वयन के लिए राज्य शासन के समन्वय से अधिक से अधिक कार्यशालाओं का आयोजन कराया जाये ताकि प्रदेश के दिव्यांगजनों को इसका अधिक लाभ मिल सके। बैठक में छत्तीसगढ़ से समाज कल्याण विभाग के अधिकारी श्री राजेश तिवारी सहित अन्य शामिल रहे।
राहुल के बचाव की सराहना
केंद्रीय दिव्यांग सलाहकार बोर्ड की बैठक में सदस्यों द्वारा चांपा-जांजगीर के पिहरीद गांव में बोरवेल में गिरे दिव्यांग राहुल साहू के प्रति संवेदनशीलता दिखाते हुए उसे बचाने छत्तीसगढ़ सरकार की ओर से की गयी पहल की सराहना की गयी।