राजनांदगांव
योजना का लाभ उठाने वालों में अफसर, कर्मी और आयकरदाता भी
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
राजनांदगांव, 25 जून। प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि योजना का लाभ लेने के लिए जिले के 30 हजार किसानों ने गलत जानकारी देकर केंद्र सरकार की महती योजना पर सेंधमारी करते करोड़ों रुपए डकार लिया है। यह राशि 30 करोड़ रुपए के करीब है। खास बात यह है कि सम्मान निधि का फायदा लेने वालों में अफसर, कर्मचारी और आयकर दाता भी शामिल हैं। अब अपात्र पाए गए किसानों से रकम वसूली को लेकर सख्ती बरतने की तैयारी चल रही है।
दरअसल पूरा मामला यह है कि कृषि विभाग की ओर से भौतिक सत्यापन करने पर अपात्र किसानों की भारी भरकम संख्या की जानकारी सामने आई। अब ऐसे किसानों को चिन्हांकित कर उनसे सम्मान निधि राशि की वापसी के लिए दबाव बनाया जा रहा है। सम्मान निधि के हितग्राही के लिए केंद्र सरकार की कई शर्तें हैं। जिसमें बी-1 खाते में हिस्सेदारी होने से भी योजना का लाभ देने का प्रावधान नहीं है। वहीं नौकरीपेशा और आयकर दाता को भी योजना से अलग रखा गया है।
2019 में केंद्र सरकार ने किसानों को आर्थिक फायदा पहुंचाने के लिए सम्मान निधि की शुरूआत की थी। जिले के किसानों को इस योजना का लाभ मिल रहा है। जमीनी स्तर पर पात्र-अपात्र की स्थिति का पता लगाने जुटे कृषि विभाग को चौंकाने वाले आंकड़े हाथ लगे हैं। जिसमें 33 हजार 612 किसानों को अपात्र पाया गया है। इन किसानों ने सम्मान निधि का पूरा फायदा उठाया है।
2019 के बाद से आज पर्यन्त केंद्र सरकार से अपात्र किसानों ने 29 करोड़ 46 लाख रुपए डकार लिए हैं। सूची में अपात्र किसानों की तादाद देखकर अफसरों ने वसूली का सिलसिला शुरू किया है। अपात्र किसानों के दहलीज पर अफसर वसूली के लिए जोर लगा रहे हैं। हालांकि वसूली अभियान में जमीनी अमले को सफलता नहीं मिल पाई है। सिर्फ 35 हजार रुपए ही रिकवरी के रूप में प्रशासन को राशि मिली है।
बताया जा रहा है कि कृषि विभाग के ग्रामीण विस्तार अधिकारी वसूली के लिए किसानों से संपर्क कर रहे हैं, लेकिन डकारे गए रकम की वापसी जमीनी अमले के लिए परेशानी का कारण बन गई है। बताया जा रहा है कि आधार के नंबर से ही कथित खामियां सामने आई है। जिसमें पाया गया कि कई कई अफसर और आयकर दाता किसान होने के रूप में योजना का लाभ उठा रहे हैं। अब अपात्र किसानों से रकम वापसी के लिए कृषि विभाग कोशिश में जुटा हुआा है,लेकिन उसे सफलता नहीं मिल रही है।
गौरतलब है कि किसानों को साल में 4 बार इस योजना के तहत किस्तों में केंद्र सरकार राशि मुहैया कराती है। कई अपात्र किसानों ने दर्जनभर से ज्यादा किस्तें हासिल की है। बहरहाल कृषि विभाग के जमीनी रिपोर्ट के बाद बड़े पैमाने पर गड़बड़ी का मामला सामने आया।