कोण्डागांव
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
फरसगांव, 25 जून। जिले में मानसून ने दस्तक दे दी है, जिसके साथ ही कृषि कार्यों में भी अब तेजी शुरू हो गई है। किसान मानसून के पहुंचने के पहले ही तैयारी में जुट गए थे। बारिश होने के बाद अब किसान खेत में नजर आ रहे हैं। मानसून के आगमन के साथ किसानों ने धान की बोआई व नर्सरी लगानी शुरू कर दी है। लेकिन खाद बीज की किल्लत से किसानों की समस्या बढ़ गई है, बड़ी संख्या में किसान ऐसे हैं, जो अब भी खाद बीज के लिए लेंपस के चक्कर काट रहे हैं।
कोंडागांव जिले में पर्याप्त खाद का भंडारण नहीं किये जाने से इस बार भी खरीफ फसल की तैयारी में जुटे किसानों को खाद-बीज के लिए अभी से ही भटकना पड़ रहा है। मांग के अनुसार यूरिया, डीएपी व पोटाश खाद का भंडारण नहीं कराए जाने से किसानों को अग्रिम खाद-बीज का उठाव करने में काफी परेशानियां उठानी पड़ रही है।
मिली जानकारी अनुसार जिले की सोसायटियों में अभी अभी शुरुआत से ही यूरिया, डीएपी तथा पोटाश खाद का संकट बना हुआ है, बताया जा रहा है कि वर्ष 2022-23 में किसानों को भरपूर डीएपी व पोटाश खाद की व्यवस्था सुनिश्चित कराने के लिए पर्याप्त भंडारण का लक्ष्य रखा गया था, लेकिन इसके एवज में डीएपी व पोटाश खाद का पर्याप्त भंडारण नहीं हो पाने से जिले में इस वर्ष भी किसानों को खाद की किल्लत झेलना पड़ रहा है। सहकारी समिति किसानों को खाद की आपूर्ति करने में असमर्थ दिखाई दे रहे हैं। जिसके चलते प्रतिदिन किसानों को सोसाइटी के चक्कर काटना मजबूरी है।
बाजार से महंगे दाम पर खाद बीज लेना मजबूरी
क्षेत्र में मानसून के पहुंचने के साथ ही किसान कृषि कार्य में जूट गए हैं, लेकिन खाद की किल्लत किसानों के लिए परेशानी का सबब बनी हुई है। सप्लाई की कमी के चलते इस बार लेंपस में पर्याप्त मात्रा में खाद उपलब्ध नहीं है। फरसगांव लैंप्स के अंतर्गत बोरगांव, पांडेआठगांव, गट्टी पलना, सिंगारपूरी, चुरेगांव के कृषकों ने बताया कि वे यूरिया सहित अन्य खाद लेने के लिए आए हुए थे, लेकिन लेंपस में खाद नहीं होने के चलते दुकानों से अधिक दर पर खाद लेना पड़ेगा।
डीएमओ रविकांत नेताम का कहना है कि खाद की किल्लत तो बनी हुई है, क्योंकि मांग के अनुरूप ऊपर से खाद की सप्लाई नहीं होने के कारण किसानों को भटकना पड़ रहा है।
इसे जल्दी ही पूरा करने की कोशिश की जा रही है, जैसे ही खाद की सप्लाई आ जाएगा, लेंपसों में वितरण किया जाएगा।