महासमुन्द
रैली के मंदिर पहुंचते तक नदारद हो गए महंत
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
महासमुंद, 25 जून। 250 साल पुराने राधाकृष्ण, जगन्नाथ, हनुमान मंदिर के चोरी हुए मुकुट के मामले में कार्रवाई, आरोपी महंत की गिरफ्तारी सहित पांच सूत्रीय मांग को लेकर शुक्रवार को अमात्य गोंड समाज 18 सुअरमाल राज व मंदिर ट्रस्ट की ओर से सर्व समाज ने बस स्टैंड से रैली निकाली। इसके बाद अपनी मांगों के साथ वे एसडीएम बागबाहरा उमेश साहू को राज्यपाल, मुख्यमंत्री व कलेक्टर के नाम ज्ञापन सौंपा।
इस अवसर पर मंदिर ट्रस्ट के अध्यक्ष राज परिवार के सदस्य राजा थियेन्द्रप्रताप ने सभा को संबोधित करते मंदिर, सुअरमालगढ़ के इतिहास एवं संपूर्ण घटनाक्रम से अवगत कराया। सर्व आदिवासी समाज जिला अध्यक्ष मनोहर ठाकुर ने पुलिस प्रशासन द्वारा आरोपी महंत के मामले में जांच में की गई लापरवाही पर प्रकाश डाला। यादव समाज के प्रमुख विनोद यादव, आदिवासी अमात्य गोंड़ समाज सर्कल के पदाधिकारी रैनसिंग सोर्रे, सुरेंद्र मांझी, देवसिंग मरई, अंजोर सिन्हा समाज से सरपंच प्रेमशंकर सिन्हा आदि ने भी सभा को संबोधित किया।
धरना-प्रदर्शन के बाद हजारों की संख्या में कोमाखान क्षेत्र के अनेक स्थानों से आए प्रदर्शनकारियों ने नगर भ्रमण करते हुए नारेबाजी की। रैली मंदिर पहुंची जहां लोगों ने महंत को मंदिर से नदारद पाया। इसके बाद आक्रोषित होकर पुलिस प्रशासन के खिलाफ नारेबाजी की। उसके सामानों को मंदिर परिसर से बाहर फेंकने के लिए प्रशासन और आंदोलनकर्ताओं के मध्य तनातनी भी हुई।
अंत में प्रशासन के समझाइश व कार्रवाई के आश्वासन के बाद आंदोलनकर्ता मंदिर से वापस हुए। मंदिर से चोरी को लेकर सर्व समाज ने विगत 21 वर्षों से महंत दीपकदास एवं उसके पिताजी द्वारा मंदिर के कृषि भूमि से प्राप्त होने वाले आय एवं व्यय की संपूर्ण जांच, महंत परिवार द्वारा गबन किए गए बहुमूल्य चांदी के पांच नग कीमती मुकुटों को आगामी 1 जुलाई को रथयात्रा के पूर्व मंदिर समिति को सुपुर्द करने, महंत दीपकदास एवं उसके पिता द्वारा राजा थियेन्द्रप्रताप को दिए गए जान से मारने की धमकी एवं आदिवासी समाज पर की गई जातिसूचक टिप्पणी पर तत्काल प्रभाव से एसटी, एससी एक्ट के तहत कार्रवाई, सूअरमाल गढ़ के राजा एवं ट्रस्ट के अध्यक्ष थियेन्द्रप्रताप को उचित सुरक्षा प्रदान करने एवं आरोपी महंत को तत्काल मंदिर परिसर से बाहर करने एवं मुकुट चोरी मामले में आरोपी महंत पर पुलिस प्रशासन द्वारा किए गए जांच में लापरवाही मामले पर अधिकारियों पर कार्रवाई की मांगें शामिल हैं।