राजनांदगांव

नांदगांव पहुंचे संत ललितप्रभ का रोजाना डेढ़ घंटे का आध्यात्मिक प्रवचन
26-Jun-2022 1:02 PM
नांदगांव पहुंचे संत ललितप्रभ का रोजाना डेढ़ घंटे का आध्यात्मिक प्रवचन

मुनि के स्वागत में उमड़ा जैन समाज, 30 तक श्रद्धालु जैन बगीचा में करेंगे दर्शन

‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
राजनांदगांव, 25 जून।
राष्ट्र संत ललितप्रभ श्रीजी  महाराज का रविवार को शहर पहुंचने पर जैन समाज स्वागत के लिए उमड़ पड़ा। संत ललितप्रभ जी शनिवार को सूर्यास्त से पहले शहर से 10 किमी दूर दिल्ली पब्लिक स्कूल में पहुंचे थे। आज सुबह शहर प्रवेश होने पर समाज के प्रबुद्ध लोगों ने उनका ऐतिहासिक स्वागत किया। श्रद्धालुओं ने उनका चरणवंदन कर आशीर्वाद लिया। इसके बाद एक हुजूम के साथ वह जैन बगीचा पहुंचे।

जैन बगीचा पहुंचने के दौरान जगह-जगह उनका सामाजिक लोगों ने आदर सत्कार किया। सकल जैन समाज के अध्यक्ष नरेश डाकलिया और  महापौर हेमा देशमुख ने स्थानीय पोस्ट ऑफिस चौक  पर उनका आत्मीय स्वागत किया। समाज के अध्यक्ष श्री डाकलिया ने बताया कि आगामी 30 जून तक संत ललितप्रभ श्रीजी का आध्यात्मिक प्रवचन स्थानीय जैन बगीचा में होगा। रोजाना सुबह 9 से 10.30 बजे तक दार्शनिक और आध्यात्मिक प्रवचनों का लाभ लोग उठा सकते हैं।

तलवार की कीमत होती है धार से, पर अच्छे इंसान की कीमत होती है सद्व्यवहार से
इससे पूर्व शनिवार को दिल्ली पब्लिक स्कूल में आयोजित प्रवचन कार्यक्रम के दौरान संतप्रवर ने श्रद्धालुओं को हमारा सद्व्यवहार कर सकता है, चमत्कार विषय पर संबोधित किया। राष्ट्रसंत श्री ललितप्रभ सागर जी महाराज ने कहा कि जीवन ऐसे जियो कि जहां रहो सब आपको प्यार करें, जहां से आप जाओ पीछे सब आपको याद करें और आप जहां जा रहे हो, वहां पर सब आपका इंतजार करें। या तो हम 100 किताबें लिखकर जाएं कि हमारे जाने के बाद भी यह दुनिया उन्हें पढकऱ जीना सीख सके या फिर ऐसा जीवन जीकर जाएं कि हम पर 100 किताबें लिखी जा सके। उन्होंने कहा कि तलवार की कीमत होती है धार से, पर अच्छे इंसान की कीमत होती है सद्व्यवहार से। सद् व्यवहार करने वाला कभी नहीं मरता, क्योंकि वह लोगों के दिलों में युगों-युगों तक जीवित रहता है।

उन्होंने कहा कि गॉड बनना या डॉग यह हम पर निर्भर है, जो अच्छे व्यवहार करते हैं वे गॉड बन जाते हैं और जो बुरा व्यवहार करते हैं वे डॉग जैसे रह जाते हैं, जहां सुंदर चेहरा 2 मिनट याद रहता है। वहीं सुंदर व्यवहार औरों को जीवनभर याद रहता है। हम हाथ उठाकर दो लोगों का दिल भी जीत नहीं सकते, पर हाथ जोडकर लाखों लोगों का दिल जीत सकते हैं। उदाहरण से संतप्रवर ने समझाया कि जैसे पुरुष लोग शादी से पहले जैसा व्यवहार करते हैं अगर वह वैसा ही शादी के बाद भी व्यवहार करें तो इस दुनिया में कभी तलाक की नौबत ही न आए और महिलाएं शादी के बाद जैसा व्यवहार करती है अगर वह शादी से पहले वैसा ही व्यवहार करें तो इस दुनिया में कोई मूर्ख शादी ही न करें।

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