महासमुन्द
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
महासमुंद, 26 जून। बसना में शासकीय त्रुटि के चलते 1998 में खरीदी गई 4500 वर्ग फीट जमीन का 2012 के बाद शासकीय दस्तावेजों में 3600 वर्ग फीट होने का मामला सामने आया है। बसना निवासी द्वारा वर्ष 1998 में जमीन खरीदी थी। जिसकी रजिस्ट्री के पेपर व पट्टे के अनुसार भूमि 4500 वर्ग फीट दर्ज है और उस पर काबिज भी हैं। शासकीय त्रुटि के चलते 272-7क भूमि जो लक्ष्मी नारायण अग्रवाल के नाम पर दर्ज है, वह वर्ष 2011-12 के बाद 3600 वर्ग फीट यानी 0.033 हेक्टेयर दर्ज है। त्रुटि सुधार के लिए अब जमीन के वारिसान भटक रहे हैं।
बसना तहसीलदार ने उक्त आवेदन अनुविभागीय दंडाधिकारी सराईपाली के पास प्रस्तुत करने की बात कहते अपना पल्ला झाड़ लिया। इस संबंध में एसडीएम से कई बार निवेदन के बाद अब आवेदन ग्रहण किया गया है। बसना तहसीलदार रामप्रसाद बघेल ने बताया कि यह जांच का विषय है व धारा 115 में त्रुटि सुधार के तहत यह आवेदन प्रस्तुत किया जाना है। इस पर 5 वर्ष तक की त्रुटि पर अनुविभागीय दंडाधिकारी व उससे ऊपर की त्रुटि पर जिला कलेक्टर के आदेश के बाद ही जांच कर सुधार किया जा सकता है।
आरोप यह भी है कि इस मामले में हलका पटवारी भी ध्यान नहीं दे रहा है। शासकीय दस्तावेजों की सत्यापित छाया प्रतिलिपि के अनुसार भी उक्त भूमि 2011-12 तक के पांच साला खसरे में भी 0.04 हेक्टेयर दर्ज है। भूमि स्वामी की मृत्यु के बाद उनके वारिसान ने फौती कटवाने व जमीन के बंटवारे के लिए न्यायालय में आवेदन किया तब उन्हें पता चला कि शासकीय त्रुटि की वजह से आज 3600 वर्गफीट जमीन रह गई है।