धमतरी
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
धमतरी, 26 जून। किसान संघर्ष समिति की ओर से अपनी मांगों को लेकर सोमवार को धरना-प्रदर्शन कर चक्का जाम की घोषणा की थी, लेकिन शनिवार को ही बेलर बाहरा में राजस्व शिविर लगाकर कलेक्टर ने ग्रामीणों की जन समस्याएं सुनी। इसके बाद समिति ने अपना प्रदर्शन को निरस्त कर दिया। उन्होंने तुमड़ीबहार में सोसाइटी खोलने के निर्देश दिया। साथ ही बेलर बाहरा राजस्व शिविर में राजस्व अमले से फौती, अविवादित नामांतरण, बंटवारा समय सीमा में निपटाएं कहा।
बेलरबहारा, ठेन्ही, मेचका, रिसगांव, करही पंचायत क्षेत्र के ग्रामीणों की प्रमुख मांग उप सोसायटी से लेकर रिजर्व फारेस्ट क्षेत्र में अनेक समस्याएं है। यहां किसानों को सबसे ज्यादा परेशानी सोसायटी से होती है। किसान सुबह से लेकर शाम तक सांकरा सोसायटी का चक्कर लगाते है। उनकी परेशानियों को देखते हुए कलेक्टर ने नेटवर्क की स्थिति को देखते हुए एक दिन तुमडीबहार में सोसायटी लगाने के लिए निर्देशित किया, ताकि क्षेत्र के किसानों को कृषि कार्य को छोडक़र सांकरा का चक्कर लगाना न पड़े। उनकी और समस्याओं को भी गंभीरता से लेते हुए वन विभाग को जायज मांगों को पूरा करने जानकारी भी ली।
इसके बाद खुद ही ठेन्ही मार्ग का अवलोकन किया, जिसके बाद वन विभाग को सडक़ बनाने निर्देशित किया।
उधर, किसान संघर्ष समिति के अध्यक्ष नरेश मांझी ने कहा कि कलेक्टर ने उनकी समस्याओं को सुनकर राहत प्रदान की है। अब किसानों को सोसायटी के लिए चक्कर लगाना नहीं पड़ेगा। इसे देखते हुए 27 जून को प्रस्तावित धरना प्रदर्शन को निरस्त कर दिया गया, लेकिन यहां स्थायी सोसायटी की मांग को लेकर उनकी लड़ाई जारी रहेगी।
शिविर में आई यह मांगें
पंचायत भवन, पुल पुलिया, स्कूल की मांगे भी आईं। राजस्व शिविर में राजस्व मामलों के साथ ही सडक़, पुल पुलिया, स्कूल, पंचायत भवन, स्कूल उन्नयन, शिक्षकों की मांग, छात्रावास भवन की मांग, सहकारी समितियों के खाद-बीज के लिए उपकेंद्र, हाथियों से नुकसान का मुआवजा, बिजली जाने की समस्या, वन विभाग द्वारा कराए गए कार्य की लंबित मजदूरी भुगतान इत्यादि का मामले भी आए। कलेक्टर ने शिविर में इन सभी मामलों को गंभीरतापूर्वक सुना और जल्द से जल्द यथासंभव निराकरण का आश्वासन ग्रामीणों को दिया। पक्की सडक़ की मांग की गई इन गांव के लोगों ने पक्की सडक़ की मांग की। इस अवसर पर एसडीएम नगरी चंद्रकांत कौशिक कलेक्टर के साथ मौजूद रहे।