रायपुर

स्कूल बसों में ढेरों खामियां, 890 में पहले दिन 150 बसों की जांच, सीसीटीवी बंद, इमरजेंसी गेट भी जाम
26-Jun-2022 8:52 PM
स्कूल बसों में ढेरों खामियां, 890 में पहले दिन 150 बसों की जांच, सीसीटीवी बंद, इमरजेंसी गेट भी जाम

स्कूल बसों का फिटनेस कैंप, आंख से कमजोर चालकों ने बढ़ाई चिंता

‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता

रायपुर, 26 जून। स्कूल सत्र शुरू होने के बाद पुलिस ने निजी स्कूलों में अटैच बसों और दूसरे वाहनों की फिटनेस जांच के लिए अभियान शुरू किया है। जांच के पहले दिन पुलिस परेड ग्राउंड में रविवार को 150 बसों की जांच पड़ताल की है। फिटनेस जांच के दौरान बसों में ढेरों खामियां बाहर आई है। टायर से लेकर बसों में रौशन के लिए बेहद कमजोर लाइट मिले हैं। मेडिकल टेस्ट के दौरान चालकों की आंखें कमजोर होने की स्थिति ने पुलिस की चिंता बढ़ाई है। अब स्कूल प्रबंधन को निर्देशित कर स्थिति बेहतर करने को कहा जा रहा है। डीएसपी ट्रेफिक सतीश सिंह ठाकुर ने बताया जिले में स्कूल व दूसरे शैक्षणिक संस्थानों में चलने वाली करीब 890 बसों का रजिस्ट्रेशन रायपुर जिले में है। इनमें से कुछ बसें अब दूसरे जिलों में अटैच है जिसके बाद भी सडक़ों पर तकरीबन 600 बसों के चलने की जानकारी है। निजी संस्थानों में प्रबंधनों को सभी वाहनों को फिटनेस कैंप में लाने के लिए कहा गया है। फिटनेस जांच के पहले दिन में 150 स्कूल बसों के पहुंचने के बाद उनमें जांच पड़ताल की जा रही है। बसों के रखरखाव से लेकर उनमें खामियों के बारे में जानकारी लेकर तत्काल सुधार के लिए कहा जा रहा है।

परिवहन विभाग की जांच में तीन कंडम

इसके पहले परिवहन विभाग ने 45 स्कूलों में संचालित बसों की जांच कह थी। इसमें बिना परमिट के तीन बस दौड़ते मिली।  फिटनेस संबंधित खामियां भी उजागर हुई। वाहनों से विभाग ने जुर्माना वसूलने की कार्रवाई की। परिवहन विभाग के अधिकारी ने बताया सुप्रीम कोर्ट की गाइडलाइन का पालन न होने की स्थिति में कार्रवाई लगातार होगी।  कुछ स्कूलों में गाडिय़ां कंडम हालत में मिलने पर तीन बसों के परिचालन पर रोक लगाने निर्देश दिया गया।

लंबे समय तक ब्रेक, लेकिन फीस वसूली

स्कूल व कॉलेजों में अटैच वाहनों में लॉक डाउन के वक्त लंबे समय तक ब्रेक लगा रहा। अन लॉक की स्थिति में बसों दोबारा सडक़ों में दौड़ी। जैसे ही सकूल-कॉलेज शुरू करने फरमान जारी हुआ छात्रों से बस सुविधा के नाम पर प्रबंधन ने मोटी रकम वसूल की। कई जगहों से शिकायतें भी मिली जिसके बाद परिजनों ने शुल्क माफ करने तक को कहा। लंबे समय ब्रेक लगे होने के बाद दोबारा सडक़ों में प्रबंधन ने वही कंडम हालत में ही सिस्टम शुरू कर दिया।

इन खामियों से चिंता

  • स्कूल बसों में ज्यादातर चालक अनफिट। आंख कमजोर, बीपी शूगर के मरीज।
  • गाडिय़ों के टायर बेहद कमजोर। सीट के नीचे फ्लोर भी कमजोर मिलने से चिंता।
  • बसों में इमरजेंसी विंडो का सिस्टम ज्यादातर गाडिय़ों में खराब। फस्ट एड तक नहीं, चेतावनी दी।
  • अनुभवहीन चालक दौड़ा रहे हैं स्कूल बस, कई गाडिय़ों की जांच में स्पीड गवर्नर का डिब्बा गुल।

वाहनों में जांच

मैकेनिकल फिटनेस की जांच, हेड लाइट, ब्रेक लाइट, वायपर, ब्रेक, हैंड ब्रेक, पार्किंग लाइट, क्लच, इंडिकेटर लाइट, एक्सीलेटर, ब्रेक लाइट, सीट, टायर, हॉर्न व स्टेयरिंग की स्थिति, रिफ्लेक्टर आदि टैक्स पे की रसीद, वाहन का परमिट, वाहन का फिटनेस प्रमाण पत्र, वाहन के बीमा दस्तावेज, प्रदूषण जांच प्रमाण पत्र, चालक का अनुज्ञापत्र, स्पीड गवर्नर सर्टिफिकेट, रजिस्ट्रेशन सर्टिफिकेट (आरसीबुक) की जांच।

अन्य पोस्ट

Comments

chhattisgarh news

cg news

english newspaper in raipur

hindi newspaper in raipur
hindi news