कोण्डागांव
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
कोंडागांव, 26 जून। हत्या के आरोपी को अजीवन कारावास की सजा सुनाई है। इस प्रकरण में शासन की ओर दिलीप जैन, लोक अभियोजक ने पैरवी की।
प्रकरण के संबंध में लोक अभियोजक दिलीप जैन ने बताया कि घटना मृतिका सतबती अभियुक्त चन्द्रहास नेताम की पत्नी थी। दिनांक 25 जुलाई 2018 को प्रार्थी एवं मृतिका के पिता आसमन सोरी को करीबन 12 बजे मोबाईल फोन के माध्यम से सूचना मिली की उसकी पुत्री सतबती की तबियत खराब है, तब प्राथी अपने पुत्र संतुराम सोरी पत्नी सतन्तीन सोरी को सलना डुमरापारा मृतिका के पास भेजा जहां से प्रार्थी के पुत्र ने प्रार्थी को बताया कि उसके जीजा आरोपी चन्द्रहास नेताम ने अण्डा सब्जी नहीं बनाने पर आवेश में आकर मिट्टी के तेल को मृतिका सतबती के उपर डालकर माचिस से आग लगा दिया। प्रकरण के प्रार्थी एवं मृतिका के पिता आसमन सोरी के द्वारा घटना के संबंध में मौखिक रिपोर्ट दर्ज कराया जिस आधार पर थाना विश्रामपुरी में आरोपी के विरूद्ध अपराध पंजीबद्ध कर विवेचना में लिया गया।
प्रकरण के संबंध में दिलीप जैन लोक अभियोजन ने विस्तृत तौर पर बताया कि मृतिका सतबती एवं आरोपी चन्द्रहास नेताम की लगभग दो वर्ष पूर्व शादी हुयी थी जिनका पांच माह का एक बच्चा है। आरोपी नियमित रूप से पीने खाने की आदत रखता है प्रतिदिन सुबह.शाम पीकर पत्नी व घर वालों से मारपीट व गाली.गलौज करता है । घटना 25 जुलाई 2018 को करीबन 11 बजे की है। घटना दिनांक को आरोपी अण्डा लेकर घर पहुंचा तथा बनाने को बोलाए मृतिका टीवी देख रही थी मृतिका के द्वारा आरोपी से कहा गया कि मुझे बुखार है इस पर आरोपी गुस्से में मृतिका का गला दबाया तथा मिट्टी तेल लाकर मृतिका के उपर एवं खटिया पर डाल दिया तथा आग लगा दिया। मृतिका बाहर की ओर दौडी जहां पर बाहर के कुछ लोगों के द्वारा पकडक़र आग बुझायी गयी तथा विश्रामपुरी चिकित्सालय ले जाया गया विश्रामपुरी से कोण्डागांव अस्पताल में भर्ती किया गया जहां से उचित उपचार हेतु कोण्डागांव से महारानी अस्पताल जगदलपुर रेफर करने पर उसे मेडिकल कॉलेज डिमरापाल, जगदलपुर में ले जाकर भर्ती किया गया। विवेचना के दौरान प्रकरण से संबंधित समस्त साक्षियों के कथन लेखबद्ध किए गये।
मेडिकल कॉलेज डिमरापाल में डॉक्टर के द्वारा मृतिका का मृत्युकालिक कथन दिए जा सकने के संबंध में प्रमाणीकरण करने पर नायब तहसीलदार बडेराजपुर के द्वारा डॉक्टर एवं अन्य साक्षियों की उपस्थिति में लेखब किया गया । जहां उपचार के दौरान लगभग 20 दिन पश्चात् मृतिका की मृत्यु हो गयी। प्रकरण का आरोपी चन्द्रहास नेताम घटना के तत्काल पश्चात से फरार था जिसे भूमका मोहलई गांव ओडिसा से लगभग दो वर्ष पश्चात् गिरफ्तार कर न्यायिक अभिरक्षा में भेजा गया। संपूर्ण विवेचना उपरांत धारा 302 भादवि के अपराध में अभियोग पत्र न्यायालय में प्रस्तुत किया गया।
कोण्डागांव जिले के अपर सत्र न्यायाधीश पी पॉल होरो ने प्रकरण का विचारण कर समस्त साक्षियों के न्यायालयीन कथन एंव मृतिका के मृत्युकालिक कथन को मुख्य आधार मानते हुए अभियुक्त को धारा 302 के आरोप में आजीवन सश्रम करावास एवं रूपये 1000 के अथर्दण्ड से दण्डित किया है।