दुर्ग

कला व संस्कृति व्यवसाय के लिए नहीं, अपितु मानवता की सेवा के लिए होती है-विजय
27-Jun-2022 3:29 PM
कला व संस्कृति व्यवसाय के लिए नहीं, अपितु मानवता की सेवा के लिए होती है-विजय

‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
भिलाई नगर, 27 जून। 
दुर्ग जिला की सभी प्रतिभाओं को एक मंच पर सम्मानित कर आप लोगों ने प्रदेश का गौरव बढ़ाया है। उक्त उद्गार स्वामी विवेकानंद सभागार स्मृति नगर भिलाई में रविवार को आयोजित कला- साहित्य सम्मान समारोह 2022 के अवसर पर मुख्य अतिथि की आसंदी से लोकसभा क्षेत्र के सांसद विजय बघेल ने व्यक्त की। उपस्थित गणमान्य लोगों के आग्रह पर उन्होंने एक सुंदर  मनोहारी गीत  भी गाया तथा कहा कि मेरे भीतर भी एक कलाकार बैठा हुआ है। उन्होंने साहित्य व संस्कृति के माफियाओं से सावधान रहने की अपील करते हुए कहा कि कला व संस्कृति व्यवसाय हेतु नहीं अपितु मानवता की सेवा के लिये होती है।

अध्यक्ष की आसंदी से मुख्य महाप्रबंधक प्रभारी भिलाई इस्पात संयंत्र तापस दास गुप्ता ने उद्बोधन में कहा कि इस तरह के आयोजनों से जहां सामाजिक एवं राष्ट्रीय चेतना जागृत होती है वही प्रतिभाओं को सम्मानित करने से गौरव का अनुभव होता है। उप पुलिस अधीक्षक नरेंद्र सिक्केवाल ने अपने विचार व्यक्त करते हुए कहा कि युद्ध से थर्राई दुनिया को कविता ही राहत पहुंचा सकती है। वर्तमान दौर में साहित्य व संस्कृति के गिरते स्तर पर चिंता व्यक्त करते हुए उन्होंने स्तरीय लेखन पर जोर दिया

विशेष अतिथि की आसंदी पर उपस्थित पूर्व महाप्रबंधक रजनीकांत श्रीवास्तव ने भी कहा कि दोनों संस्थाओ के इस प्रयास से कला व साहित्य के साधको का एक स्थान पर समागम हुआ है। मानव अधिकार परिषद की ओर से शिशिर मजूमदार ने इस्पात नगरी में हो रहे इस अनूठे आयोजन की सराहना की। मुक्त कंठ के अध्यक्ष गोविंद पाल ने सभा को संबोधित करते हुए कहा कि यह संयुक्त प्रयास से किया  हुआ हमारा छोटा सा प्रयास है जिसमें आप सभी  ने आशीर्वाद देकर इस भव्य आयोजन को ऐतिहासिक बना दिया।

वक्ता मंच के अध्यक्ष राजेश पराते ने आयोजन के विषय में कहा कि वक्ता मंच अपनी इस परंपरा को लगभग 30 वर्षों से अधिक समय से पूरे प्रदेश में कर रही है जिसमें सैकड़ों प्रतिभाओं को सम्मान प्रदान किया जाता है और इसी कड़ी में  भिलाई की प्रतिष्ठित संस्था मुक्त कंठ के साथ यह संयुक्त सम्मान समारोह किया जा रहा है। वक्ता मंच प्रदेश के प्रत्येक जिले में प्रतिभाओं का सम्मान करेगा। कार्यक्रम का  संचालन सोनाली चक्रवर्ती एवं भूषण चिपड़े द्वारा बहुत ही सफल ढंग से किया गया। मां सरस्वती के तैल चित्र पर दीप प्रज्वलन पश्चात मंच पर सभी अतिथियों का स्वागत सम्मान शाल, श्रीफल, बुके, पुष्पहार एवं प्रतीक चिन्ह भेंट कर किया गया। महासचिव ओमप्रकाश शर्मा द्वारा संस्था प्रतिवेदन प्रस्तुत किया गया। मुक्त कंठ मासिक बुलेटिन के संपादक दुलाल समददार, शरद पांचाल, उमेश दीक्षित ,डॉ नौशाद सिद्दीकी ,प्रकाश मंडल ,बीना सिंह रामबरन कोरी ,शेख निजाम राही, उमेश दीक्षित द्वारा अतिथियों के माध्यम से बुलेटिन का लोकार्पण एवं संस्था के संरक्षक एवं वरिष्ठ साहित्यकार पल्लव चटर्जी की बांग्ला काव्य संग्रह पुस्तक का भी विमोचन इस अवसर पर किया गया।प्रसिद्ध साहित्यकार गोविंद पाल की कृति बाल मन की कहानियों का लोकार्पण हुआ।

वंदे मातरम गीत विजया राय शंकर राय एवं प्रकाश मंडल ने प्रस्तुत किया। सरस्वती गायन विजया राय एवं तबले पर रूद्र प्रताप जेना एवं हारमोनियम में विजय सरकार ने शानदार प्रस्तुति दी।
कार्यक्रम के प्रथम सत्र में च्च्कविता उत्सवज्ज् संपन्न हुआ जिसमे स्थानीय कवियों ने अपनी सशक्त प्रस्तुतियों से जन समुदाय की तालियां बटोरी। द्वितीय सत्र में गायन, वादन, लेखन, कला ,संस्कृति ,कविता, चित्रकला, अभिनय के क्षेत्र में बेहतर कार्य कर रही 100  प्रतिभाओं को सम्मान पत्र व मोमेंटो देकर सम्मानित किया गया।

आयोजन का आभार उपाध्यक्ष बीना सिंह द्वारा किया गया। आज के समारोह में शुभम साहू, प्रगति पराते, मोहित कुमार शर्मा, तरुण साहू, खेमराज साहू,तारिक साहिल, खिलावन सिंह चौपडिय़ा  ,डॉक्टर ए के सिंह ,नीलकंठ देवांगन ,ओमवीर करण, निखिल चतुर्वेदी ,विकास कुमार, रमेश वर्मा ,डॉ जयप्रकाश शर्मा, डॉक्टर दीनदयाल साहू ,संतराम साहू, सुबीर राय, नवनीत हंस ,कंचन बाला, नीतू पांडे ,शरद शर्मा ,शैलेश मोगरे, सुनीता मंडल, दीप्ति दासगुप्ता, रवींद्रनाथ देवनाथ ,चंद्रकांत रावत, हरीश कुमार देवांगन ,तरुण कुमार साहू ,जितेन कुमार वर्मा ,अनिल पांडे, प्रवीण वासनिक ,हेमंत ,डॉक्टर नरेंद्र, देवांगन ,श्रीमती चंद्र लता,  गोपाल शर्मा ,महेश वर्मा ,नवल दास मानिकपुरी ,राजेंद्र साहू ,अनुसया मानिकपुरी ,दीपक दास , डॉक्टर इंद्रदेव ,जितेंद्र गौतम, सरस्वती धनेश्वर, सोनाली सेन ,जैनेंद्र कुमार जंजीर, ललित कुमार , राधेश्याम सिंदुरिया, नीलम जायसवाल, गजराज दास, महंत भगवत निषाद, सुशील यादव ,यशवंत सूर्यवंशी , ए सी मंडल सहित 200 से अधिक साहित्यकार व कला प्रेमी उपस्थित थे। मुक्तकंठ संस्था के महासचिव ओमप्रकाश शर्मा को जन्मदिवस की शुभकामनाएं एवं एसके राय जी को वैवाहिक 41 वर्षगांठ की शुभकामनाएं दी गई। कार्यक्रम के समापन पर राष्ट्रगान की धुन पर देशभक्ति की भावना से ओतप्रोत आयोजन समापन किया गया। वक्ता मंच के संयोजक शुभम साहू ने अध्यक्ष की अनुमति से कार्यक्रम समाप्ति की घोषणा की।

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