कोरिया
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
बैकुंठपुर (कोरिया) 27 जून। 28 जून से मुख्यमत्री भूपेश बघेल का कोरिया दौरा सुनिश्चित हो चुका है। ऐसे में उनके दौरे को लेकर लोगों के साथ विभिन्न संगठनों के पदाधिकारियों के द्वारा विकास की मॉगों को लेकर मुख्यमंत्री को ज्ञापन सौंपने की भी तैयारी है। मुख्यमंत्री जिले के सभी विधानसभा क्षेत्रों के गांवों का दौरा करेंगे इस दौरान सभी विधानसभा क्षेत्रों में कोई न कोई विकास की सौगात जरूर मिलेगी। इसके बावजूद कोरिया जिले के विभाजन के बाद कोरिया के अस्तित्व पर सवाल खडे हो चुके है, जिसे लेकर लोगों मेे भी बड़ी मायूसी है, ऐसे में यदि मुख्यमंत्री कोई बड़ी घोषणा कर लोगों का दिल जीत तो कोई बड़ी बात हो सकती है।
15 अगस्त 2021 को कोरिया जिले का विभाजन हुआ, जिसके बाद जिले के 5 विकासखंडों में तीन विकासखंड नए जिले मनेन्द्रगढ चिरमिरी और भरतपुर को दे दिए गए, मात्र 2 विकासखंडों का कोरिया जिला रह गया। जिसे लेकर काफी धरना आंदोलन चला मामला कोर्ट में अभी भी विचाराधीन है ऐसे में मुख्यमंत्री पहले चरण के अंतिम पड़ाव मे कोरिया पहुंच रहे है, कोरियावासियों को मुख्यमंत्री से काफी उम्मीदे है। चर्चा है कि कोरबा सांसद, बैकुंठपुर विधायक, कांग्रेस जिला अध्यक्ष ने मुख्यमत्री से इस पर चर्चा भी की है। संभावना जताई जा रही है कि कोरिया विभाजन के बाद अपना अस्तित्व खो चुके कोरिया को नई पहचान लिाने के लिए मुख्यमंत्री बड़ी घोषणा कर सकते है, रविवार को सोशल मीडिया में कोरिया को संभाग बनाए जाने को लेकर चर्चा आम रही, जिसके बाद माना जा रहा है कि कोरिया जिले में कई जिलों को शामिल कर संभाग मुख्यालय का दर्जा मिल सकता है।
बचरापोडी का कोरिया में मिलने की संभावना
कोरिया जिले का विभाजन के बाद जिले में स्थित बचरापोडी क्षेत्र को बनाये गये नये जिले एमसीबी की अधिसूचना जारी की गयी तो बचरापोडी को नये जिले में शामिल किया गया है। जिसके बाद बचरापोडी क्षेत्र के लोगों के द्वारा कुछ दिनों पूर्व से अनिश्चितकालीन विरोध प्रदर्शन करने पर उतर आये है। पोडी में मुख्यमंत्री का प्रस्तावित दौरा भी तय है ऐसे में यह उम्मीद प्रबल होती नजर आती है कि पोडी दौरे के दौरान मुख्यमंत्री बचरापोडी केा कोरिया में ही शामिल रखने की घोषणा कर सकते है। जबकि कोरिया बचाव मंच व सर्व आदिवासी समाज के पदाधिकारियों के द्वारा पूरे खडगवॉ ब्लाक को कोरिया में शामिल करने की मॉग कर रहे है।
चिकित्सक एवं प्राध्यापक की मांग
जिला चिकित्सालय में कई विभागों के विशेषज्ञ चिकित्सक के पद खाली है जिसके कारण अस्पताल में लोगों को पूरी तरह से स्वास्थ्य सुविधा का लाभ नहीं मिल पा रहा है। जिला अस्पताल में सभी तरह के आवश्यक जांच की सुविधा है लेकिन कई विषयों के विशेषज्ञ चिकित्सक के न होने से सुविधा पूरी तरह नहीं मिल पा रही है साथ ही लोगों का यहां समुचित उपचार नही हो पा रहा है। ऐसा ही हाल जिले भर में संचालित कॉलेजों का है यहां भी प्राध्यापकों की काफी कमी के बावजूद छात्र अध्ययन करने को मजबूर है। मुख्यमत्री से प्राध्यपको की नियुक्तियों के साथ साईंस संकाय में कई विषयों के पीजी सहित सीट बढ़ाने की मॉग की की जा सकती है।
सडक़ चौड़ीकरण की मांग
शहर के मध्य से गुजरने वाली एनएच 43 के चौड़ीकरण की मांग को लेकर युवा काफी समय से करते आ रहे है। बेहद सकरी सडक़ होने के कारण लोगों को वर्षो से परेशानी हो रही है, वहीं बायपास के बाहर से निकल जाने से बैकुंठपुर का व्यापार चौपट हो चुका है, भाजपा के पूर्व मंत्री भइयालाल राजवाड़े ने स्वयं कह कर सभी को हैरान कर दिया कि उन्होंने ही शहर को टूटने से बचाया है, और बायपास बनवाया, जिसके बाद युवाओं में काफी रोष व्याप्त है। उनका कहना है कि बायपास से शहर को काफी नुकसान हुआ है इसे लेकर युवा अब मुख्यमंत्री से मिलकर चौड़ीकरण की मांग करने की तैयारी में है। शहर से गुजरने वाले मुख्य मार्ग का चौड़ीकरण किया जाये ताकि भविष्य मे किसी तरह की परेशानी न हो। वर्तमान में सडक़ चौड़ीकरण नहीं होने के कारण आये दिन शहर क्षेत्र में जाम की स्थिति बनती रहती है। सडक़ चौड़ीकरण होने से शहर का विकास भी होगा।
कोरिया वन मण्डल न टूटे यथावत रहे
कोरिया के आमजनों की मांग है कि कोरिया वनमण्डल का विभाजन न किया जाये बल्कि पूर्व की भांति इस वन मण्डल को यथावत रखा जाए, दरअसल, नवीन जिला बनने के बाद कोरिया वनमंडल में मात्र 3 परिक्षेत्र ही रह गए है, जबकि एमसीबी के पास 6 परिक्षेत्र पूर्व मे थे वहीं कोरिया के तीन और मिलने से 9 परिक्षेत्र का मनेन्द्रगढ़ वनमंडल हो गया है। जिसके कारण लोगों की मांग है कि मुख्यमंत्री कोरिया वनमंडल का विभाजन ना करें, बल्कि उसे वैसा ही रहने दिया जाए। तीन परिक्षेत्र दूसरे जिले मे भी रह कर कोरिया मेें काम कर सकते है, जिस तरह गुरू घासीदास राष्ट्रीय उद्यान 3 जिलों में कार्यरत है।
औद्योगिक क्षेत्र खोलने की मांग
कोरिया जिले के विभाजन के बाद कोरिया जिले का क्षेत्रफल छोटा हो जायेगा। कोरिया जिला आदिवासी बाहुल्य क्षेत्र है और यहां कोयले की कुछ खदाने संचालित है, जिनमे कुछ खदानें आने वाले 10-15 साल में बंद हो जाएगीं। ऐसे में कोरिया जिले के लोगों केा अपने ही क्षेत्र में रोजगार के अवसर उपलब्ध कराने के लिए कोरिया जिले में औद्योगिक क्षेत्र की स्थापना की जाए। ताकि जिले के लोगों को अपने ही जिले में विभिन्न तरह के रोजगार के अवसर मिल सके।