राजनांदगांव
होगी कार्रवाई- रेंजर
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
गंडई , 27 जून। क्षेत्रीय जंगल में बाहरी राज्यों के खानाबदोश का डेरा पहुंचने से जंगलों को नुकसान होने का अंदेशा बढ़ गया है।
वर्षा ऋतु के प्रारंभ होने के साथ ही जंगल और क्षेत्र में पेड़-पौधों का प्रजनन शुरू हो गया है। बाहरी राज्यों राजस्थान और गुजरात क्षेत्र से भेड़-बकरी और अन्य मवेशियों के साथ लोगों का डेरा में नजर आने लगा है। इन लोगों के मवेशियों द्वारा जंगलों के बाहरी और भीतरी क्षेत्रों में पहुंचकर पेड़-पौधों के पत्तों को खा रहे हैं। ऐसे में जंगल में खतरा मंडराने लगा है। इधर संबंधित विभाग के अफसर मौन हैं।
जंगल का घनापन गायब
एक दशक पूर्व गंडई के नजदीक जंगल जिसे भरभड़ी के जंगल के नाम से लोग जानते थे। पहले यह जंगल घना होता था, लेकिन इस जंगल में पेड़ों की कटाई होने से यहां का घनापन गायब हो गया है। रोजाना उक्त जंगल से हजारों टन लकडिय़ां निकल रही है, वहीं लकड़ी तस्कर भी इमारती लकडिय़ों की कटाई कर तस्करी करने से गुरेज नहीं कर रहे हैं। ऐसे में अन्य प्रदेशों से पहुंचने वाले लोगों के साथ मवेशियां भी जंगल को रौंदने का काम कर रहे हैं।
इस मामले में गंडई वन विभाग के रेंजर आरके टंडन ने बताया कि समस्त परिसर रक्षकों, डिप्टी रेंजरों, बीट गार्डों, चौकीदारों को सचेत किया गया है कि राजस्थानी ऊंट, भेड़-बकरियों को जंगल के अंदर न जाने दिया जाए, क्योंकि जंगल में वे पौधों को खराब कर देते हैं। अगर जंगल के अंदर वे जाते हैं तो तत्काल कार्रवाई किया जाए।