रायपुर
रायपुर, 27 जून। छत्तीसगढ़ पर्यावरण संरक्षण मंडल के मुख्यालय भवन में रविवार को डॉ. दीपक द्विवेदी, डीन, राजीव गांधी इंस्टिट्यूट ऑफ पेट्रोलियम, टैक्नोलॉजी, अमेठी ने एक प्रेजेन्टेशन दिया। इसमें डेवलेपमेंट ऑफ न्यू सस्टेनेबल (जंगरोधी) बायोगैस प्लांट इंटिग्रेटेड विथ वर्मीकम्पोंिस्टंग यूनिट सुटेबल फॉर छत्तीसगढ़ एवं स्टेब्लिशिंग द फैसेलिटी ऑफ ग्रीन ऑटोमेटिव फ्यूल प्रोडक्शन इन छत्तीसगढ़ इंटिग्रेटिंग नरवा, घुरवा, गरूवा, बाड़ी स्कीम को शामिल किया था। डॉ. द्विवेदी ने बताया कि उनके इस प्रोजेक्ट की छत्तीसगढ़ में अपार संभावनाएं हैं। प्रस्तुतीकरण के प्रारंभ में मण्डल के सदस्य सचिव, आरपी तिवारी ने डॉ. दीपक द्विवेदी का परिचय देते हुए बताया कि यह दोनों विषय छत्तीसगढ़ के लिये बेहद महत्वपूर्ण है तथा इन दोनो प्रोजेक्ट के माध्यम से छत्तीसगढ़ में न केवल पर्यावरण बेहतर होगा बल्कि इससे रोजगार की संभावनाएं भी बढ़ेगी। श्री तिवारी ने बताया कि छत्तीसगढ़ में म्यूनीसिपल सॉलिड वेस्ट का निस्तारण एक बहुत बड़ी समस्या है एवं इस प्रकार के प्रोजेक्ट से ना केवल म्यूनीसिपल सॉलिड वेस्ट का सुरक्षित निपटान हो सकेगा, अपितु ग्रीन ऑटोमेटिव फ्यूल (कम्प्रैस्ड बायोगैस) का उत्पादन भी हो सकेगा।