दुर्ग
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
भिलाई नगर, 28 जून। केंद्र सरकार की अग्निपथ योजना के खिलाफ सोमवार को प्रदेश भर में कांग्रेस का सत्याग्रह हुआ। इसी कड़ी में भिलाई और दुर्ग जिला कांग्रेस कमेटी ने भी सत्याग्रह करके अपना विरोध जताया।
इस विरोध प्रदर्शन का भिलाई में विधायक देवेंद्र यादव तो दुर्ग में विधायक अरुण वोरा ने मोर्चा संभाला। दोनों ने सभा को संबोधित करते हुए केंद्र सरकार पर जमकर निशाना साधा।
भिलाई के सेक्टर-1 मुर्गा चौक में कांग्रेसियों ने सत्याग्रह किया। यहां भिलाई नगर विधायक देवेंद्र यादव पहुंचे। वहीं घड़ी चौक सुपेला, वैशाली नगर व रिसाली में भी कांग्रेस के बड़े नेताओं के निर्देशन में सत्याग्रह किया गया। प्रदर्शन के दौरान अग्निपथ योजना को लेकर विधायक देवेन्द्र यादव ने कहा कि केन्द्र की भाजपा सरकार पूंजीपतियों की सरकार बन गई है। अब यह सरकार सेना के जवानों को ठेका श्रमिक बना देना चाहती है। चार साल की सेवा का क्या मतलब है? कांग्रेस के रहते युवाओं पर ऐसा अन्याय नहीं होने दिया जाएगा। जिस तरह किसानों ने आंदोलन करके केंद्र सरकार झुकाया था, वैसा ही आंदोलन कांग्रेस पार्टी इन युवाओं के हक के लिए करेगी। यह लड़ाई तब तक चलेगी, जब तक कि केन्द्र सरकार अपना निर्णय वापस न ले ले।
रिसाली क्षेत्र में गृहमंत्री ताम्रध्वज साहू ने भी सत्याग्रह किया। उन्होंने कहा कि अग्निपथ योजना लाना केंद्र सरकार का खतरनाक फैसला है, इससे युवाओं का भविष्य खतरे में पड़ेगा। चार साल की सेवा के बाद इन युवाओं का क्या होगा? इस लड़ाई में कांग्रेस देश भर के युवाओं के साथ है।
दुर्ग में सत्याग्रह में बैठे विधायक अरुण वोरा व अन्य कांग्रेसी नेताओं ने दुर्ग शहर विधान सभा के अंतर्गत केंद्र सरकार की अग्निपथ योजना के विरोध में एकदिवसीय सत्याग्रह का आयोजन हिंदी भवन के सामने किया। विधायक अरुण वोरा ने केंद्र की नीतियों पर जमकर निशाना साधा।
उन्होंने कहा कि केंद्र की मोदी सरकार अग्निपथ योजना के बहाने सेना का राजनीतिकरण करना चाहती है। अग्निपथ योजना में चार साल के कॉन्टैक्ट पर सैनिक भर्ती करके देश के युवाओं की भावनाओं से खिलवाड़ किया जा रहा है। इतना ही नहीं यह राष्ट्रीय सुरक्षा के लिए भी खतरा है। एक युवा साढ़े 17 साल की उम्र में अग्निवीर बनेगा और साढ़े 21 साल की उम्र में वापस बेरोजगार हो जाएगा। जवानों को लडक़पन में ही रिटायर कर के बेरोजगार करने के लिए बनाई गई, इस योजना को भी आखिरकार काले कृषि कानूनों की तरह वापस लेना होगा।