रायपुर
सरकारी गैर सरकारी भवनों के लिए नगर निगम ने बनाए सख्त नियम
मनीष बाघ
रायपुर, 28 जून। शहर में प्री मानसून के आते ही नगर निगम ने वाटर हार्वेस्टिंग सिस्टम को लेकर अब सख्त रवैइया अपना लिया है। नई व्यवस्था के तहत सभी जोन में बिना हार्वेस्टिंग सिस्टम के भवनों के लिए जारी होने वाले ले आउट पर रोक लगाने तैयारी कर ली है।
लगातार गिरते भू जल स्तर को ध्यान में रखकर साल 2011-12 से निजी और सरकारी भवनों में रेन वाटर हार्वेस्टिंग सिस्टम लगाने की अनिवार्यता होने के साथ अब इस नियम के तहत सख्त कार्रवाई की शुरूआत भी कर दी है। खबर के मुताबिक नगर निगम में नक्शा पास कराने के दौरान आठ हजार भवन मालिकों ने रेन वाटर हार्वेस्टिंग सिस्टम लगाने के लिए अमानत शुल्क के रूप में पैसा जमा कराया था लेकिन इसमें से करीब चार हजार मालिकों ने सिस्टम लगाकर पैसा वापस ले लिया इसी बीच मालूम यह भी हुआ है कि सिस्टम लगाने की सूचना तक किसी ने नहीं दी। अब निगम प्रशासन घर-घर सर्वे कर सिस्टम लगाने का काम हाइड्रो लाजिस्ट, ठेकेदार को सौंपने जा रही है। रेन वाटर हार्वेस्टिंग सिस्टम नहीं लगाने वाले मकान मालिकों से एक रुपये प्रति वर्गफीट के हिसाब से हर साल जुर्माना वसूलने का नियम है। जुर्माने की राशि संपत्तिकर के साथ ही वसूल किया जाना है जिस पर अब अफसरों को सख्ती से कार्रवाई करने के लिए कहा जा रहा है। प्री मानसून के पहले बारिश से जमा होने वाली पानी को संरक्षित करने के लिए निर्देश दिए गए हैं। महापौर एजाज ढेबर ने साफ तौर पर अधिकारियों से कहा है कि निजी भवनों, मकानों में सिस्टम लगा है या नहीं, उसकी फोटो देखने के बाद आन स्पाट निरीक्षण कर ही एनओसी जारी करें।
बारिश में भी बोर सूखे, सुलभ तक में तालाबंदी
हर साल जल स्तर गिरने की वजह से शहर के कई इलाकों में संकट गहराता जा रहा है। आलम अब यह है कि बोर सूखा होने की वजह से सुलभ तक में तालाबंदी करने की मजबूरी है। अवंति विहार-तेलीबांधा से लगे सामुदायिक सुलभ कांप्लेक्स बंद कर दिया गया है। इस साल भीषण गर्मी में न्यू चंगोराभाठा, श्रीरामनगर, करणनगर, महादेव नगर, साकेत विहार कालोनी शिवनगर, चंगोराभाठा, फाफाडीह, रमन मंदिर वार्ड, चूनाभ_ी, शंकरनगर, भावनानगर, गायत्रीनगर समेत अन्य इलाके में बोर सूख जाने की शिकायतें है।
शासकीय भवनों में बुरा हाल, पुलिस प्रभावित
पेयजल संकट गहराने की वजह से शहर के ज्यादातर हिस्सों में लोग परेशान है। करीबी सूत्र के मुताबिक पुलिस कॉलोनी तक पानी की किल्लत से जूझ रहे हैं। मालूम हुआ है कोतवाली स्थित नए पुलिस कॉलोनी तक में पानी की कमी होने से कर्मचारियों को इस साल परेशान होना पड़ा। निगम का जलकार्य विभाग प्रभावित इलाकों में टैंकरों से पानी की आपूर्ति करा रही है, लेकिन वह भी पर्याप्त नहीं है।
आठ हजार लोगों ने दी अमानत राशि
निगम के आकड़े में करीब आठ हजार लोगों ने अग्रिम अमानत राशि के रूप में खाते में पांच करोड़ रुपये से ज्यादा जमा कराया है। दिलचस्प यह है कि इतने सिर्फ चार हजार लोग ही अमानत राशि लेने पहुंच सके हैं। यह आकड़ा पिछले दस साल का है। हार्वेस्टिंग सिस्टम लगवाया और इसका प्रमाण-पत्र पेशकर अपनी अमानत राशि वापस ले गए। बाकी भवन, मकान मालिक न पैसा वापस लेने आए और न ही सिस्टम लगवाने की कोई सूचना निगम को दी।
मनमानी अब नहीं
पहले जैसी अब मनमानी नहीं चलेगी। अफसरों को साफ तौर पर निर्देश दिए गए हैं। बिना वाटर हार्वेस्टिंग प्रमाण पत्र के नक्शा पास कराने एनओसी नहीं दी जाएगी।
- एजाज ढेबर, महापौर