धमतरी

धमतरी: 90 फीसदी घरों में रेन वाटर हार्वेस्टिंग सिस्टम नहीं
28-Jun-2022 4:14 PM
धमतरी: 90 फीसदी घरों में रेन वाटर हार्वेस्टिंग सिस्टम नहीं

जांचने में निगम का अमला फेल, 21 मीटर तक गिरा भू-जलस्तर

सुभाष साहेब

धमतरी,  28 जून (‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता)। नगर निगम क्षेत्र में जल संरक्षण को बढ़ावा देने और भूजल के स्तर को बनाने वाटर हार्वेस्टिंग सिस्टम को बनवाना अनिवार्य है। तमाम प्रचार-प्रसार और जागरूकता अभियान के बाद भी निगम क्षेत्र में रेन वाटर हार्वेस्टिंग सिस्टम बनाने का लक्ष्य पूर्ण नहीं हो पाया है। जिससे भूजल स्तर लगातार गिर रहा है। इस साल भीषण गर्मी के कारण 21 मीटर तक नीचे चला गया, जो 15 साल में सबसे ज्यादा रहा है।

जानकारी के अनुसार निगम क्षेत्र अंतर्गत 302 निजी और 15 सरकारी भवनों में यह सिस्टम बनना शेष है। नगर निगम क्षेत्र में वाटर हार्वेस्टिंग के लिए अमानत राशि जमा की जाती है। धमतरी नगर निगम में हितग्राहियों की अमानत राशि जमा नहीं है। निजी क्षेत्र में 861 और सरकारी भवनों में 49 वाटर हार्वेस्टिंग सिस्टम लग चुके हैं। इसी तरह से निजी में 302 और सरकारी भवनों में 15 लगने बाकी हैं।  

90 फीसदी से अधिक भवनों, घरों में नहीं लगा सिस्टम
धमतरी में कई बड़े भवन, संस्थान, मकान हंै, जहां रेन वाटर हार्वेस्टिंग सिस्टम की अनिवार्यता लगातार दम तोड़ रही है। डेढ़ लाख की आबादी वाले शहर में  50 हजार से ज्यादा मकान है, इनमें से 90 फीसदी से अधिक घरों, निजी भवनों में रेन वाटर हार्वेस्टिंग नहीं लगाया है, जबकि गिरते भूजल स्तर को बनाये रखने के लिए रेन वाटर हार्वेस्टिंग सिस्टम जरूरी है, पर सख्ती नहीं होने से सिस्टम गायब है। वहीं नगर निगम के अफसर भी लापरवाह हंै, इस वजह से रेन वॉटर हार्वेस्टिंग सिस्टम को लोग तवज्जों ही नहीं दे रहे हैं।

आज तक कार्रवाई नहीं  
साल 2007 से भवन निर्माण की अनुमति के साथ रेन वाटर हार्वेस्टिंग सिस्टम को अनिवार्य किया गया है। तीन साल के लिए उनसे सिस्टम लगवाने की शर्त पर अमानत राशि जमा करवाई जाती है, लेेकिन निगम के पास यह रिकॉर्ड नहीं की, अब तक कितने घरों में वॉटर हार्वेस्टिंग सिस्टम बनी। अफसरों को झांकने तक की फुर्सत नहीं है।

जिले में सालभर में गिरा 1.65 मीटर जल स्तर
जिले में इस साल भीषण गर्मी पड़ रही है। इस वजह से वॉटर लेवल तेजी से गिरा। औसत जल स्तर 20.65 मीटर चला गया है, जबकि औसत जल स्तर 2007 से 2021 के बीच 15 से 17.27 मीटर पर रहता था। अधिकतम 19 मीटर तक ही गया था। इस बार यह 20 मीटर को पार कर गया है। नतीजा जिले के 459 हैंडपंप भी सूख गए। 5 नलजल योजनाएं ठप हो गईं हैं। 80 हैंडपंप ऐसे हैं, जिनमें पानी रुक-रुककर आ रहा है। भू-जल का जितना अधिक दोहन होगा, जलस्तर में उतनी ज्यादा गिरावट आएगी। साल दर साल जलस्तर में भारी गिरावट आ रही है। यहां का तेजी से गिरता जलस्तर आने वाले कल के लिए खतरा बता रहा है। इसलिए वॉटर हार्वेस्टिंग सिस्टम जरूरी है।

ब्लॉकवार जिले का भू-जल स्तर
ब्लॉक     औसत     वर्तमान    गिरावट     हैंडपंप बंद
धमतरी-     18.80-     22.17-     3.37-     109
मगरलोड-     18.30-     21.90-     3.60-     172
कुरूद-     15.45-     18.60-     3.15-     84
नगरी-     16.54-     19.40-     2.86-     94
औसत-     17.27-     20.65-     3.38-     459
नोट- रिपोर्ट पीएचई विभाग के मुताबिक
 

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