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रेन वाटर हार्वेस्टिंग को भूले लोग
28-Jun-2022 4:17 PM
रेन वाटर हार्वेस्टिंग को भूले लोग

तहसील कार्यालय में लगाये गए वाटर हार्वेस्टिंग का हाल

सुरेंद्र सोनी

बलौदा, 28 जून (‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता)। दिनों दिन बढ़ती जल संकट से बचाव के लिए वर्षा का जल संचय कर पुन: उसे धरती में ही डालने से संभवत: भविष्य में जल संकट के लिए राहत मिलने की आस में यह योजना अमल में लाई गई। शुरुवात में योजना को अमलीजामा पहनाया गया। सभी निकायों में किसी भी तरह के भवन निर्माण कार्य के लिए रेन वाटर हार्वेस्टिंग स्थापित करना अनिवार्य था और उसे अमल में भी लाया गया।

विपरीत इसके आवास योजना आने के बाद से सभी निकाय और संस्थाएं रेन वाटर हार्वेस्टिंग पर लोगों का ध्यान नहीं है, किसी भी शासकीय और निजी भवनों के निर्माण पर वाटर हार्वेस्टिंग का पालन नहीं हो रहा है, जबकि आम लाभार्थी के साथ जनता  खुद ही जिम्मेदार हैं, गिरते भूजल स्तर की परवाह नहीं है। अनुज्ञा लेने के लिए सभी नियम मानने की हामी देते हैं, पश्चात रेन वाटर हार्वेस्टिंग बनाना भूल जाते हंै।

छत्तीसगढ़ में गुजरते वक्त के साथ भूगर्भीय जल का स्तर नीचे जा रहा है। कटते पेड़, बढ़ती गर्मी और अतिक्रमणकारियों के नापाक मंसूबो के कारण नदी, नालों, तालाबों और जलाशयों में भी पानी कम होता जा रहा है। ऐसे में भूगर्भीय जल के स्तर को बनाए रखने या फिर ऊपर उठाने के लिए वाटर हार्वेस्टिंग जैसी प्रणाली काफी कारगार है, लेकिन इस विधि के प्रति न ही लोग जागरूक हैं और न ही वे अधिकारी जिसको इस सिस्टम को स्थापित करने की जिम्मेदारी है। दरअसल कुछ साल पहले छत्तीसगढ़ में हर निर्माण के साथ रेन वाटर हार्वेस्टिंग अनिवार्य है लेकिन इसकी असली हकीकत किसी छिपी नहीं हैं।

आवास या अन्य के लिए अनुज्ञा ऐसे ही दी जा रही है , जिसमें रेन वाटर हार्वेस्टिंग का पालन नहीं हो रहा है।अभी तक बने सैकड़ो की संख्या में आवासों के अलावा अन्य भवनों में रेन वाटर हार्वेस्टिंग अनिवार्य है।लेकिन प्रधान मंत्री आवास के लिए जरूरी नही है,यदि वे खुद से इसका निर्माण कराते है तो बहुत अच्छा विकल्प है ,
दावा तो ऐसा है कि अभी तक  नगर  पंचायत बलौदा में कुल  में 101निजी और 14 शासकीय भवनों में रेनवाटर हार्वेस्टिंग लगाया गया है,और बाकी का पता नही।जबकि सैकड़ो भवनों का निर्माण हुआ है,
रेनवाटर हार्वेस्टिंग का पालन हुआ है कि नहीं देखने वाला कोई नहीं है। बैगर रेनवाटर हार्वेस्टिंग सिस्टम के पूर्णता के पश्चात नल संयोजन, भवन पूर्णता प्रमाण पत्र और विद्युत संयोजन के लिए अनुज्ञा प्रदान की जानी है, लेकिन नियमों को ताक पर रख पूरी योजना भूल गए हंै।

निकाय द्वारा अनिवार्य सिस्टम को ताक पर रख सारे आवास पूरे नियम कायदों से पूर्ण कर लिए, अब इन जवाबदारों पर कौन कार्रवाई करेगा, जबकि सिस्टम का पालन नही करने पर हितग्राही, भूस्वामी के दंड लेने का प्रावधान है।
दंड तो नहीं लिया गया, लेकिन अनुज्ञा के समय वाटर हार्वेस्टिंग बनाने के लिए एक निश्चित राशि सुरक्षा के रूप में जमा कराई जाती है, जिसे हितग्राही के द्वारा सिस्टम तैयार कर लेने के बाद वापस लौटा दिया जाता है, और जो नहीं बनाते, सुरक्षा जमा राशि से उनके भवनों में निर्माण कराने का प्रावधान है।

इस संबंध में मुख्य नगर पंचायत अधिकारी बलौदा जे एस राठिया का कहना है कि कब से लागू हुआ यह पता नहीं, लेकिन दो-तीन वर्ष पहले रेन वाटर हार्वेस्टिंग अनिवार्य किया गया था, जारी किए गए अनुज्ञा वालो भवनों में इसका पालन हुआ है कि नहीं, पता कराया जाएगा।
 

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