राजनांदगांव
राजनांदगांव, 28 जून। जिले में इस वर्ष 2 लाख 85 हजार हेक्टेयर क्षेत्र में धान फसल बुवाई का लक्ष्य प्राप्त हुआ है। जिले में खरीफ धान की तैयारी मानसून के आगमन के साथ ही शुुरू हो गई है और खेत की तैयारी के साथ खाद एवं उर्वरक की व्यवस्था के लिए समितियों में पर्याप्त मात्रा में यूरिया, डीएपी और पोटाश की मांग अनुसार भंडारण भी किया जा रहा है। जिले में बोई जानी वाली धान एवं दलहनी, तिलहनी फसलों को तीन प्रकार के पोषक तत्वों की आश्यकता होती है। प्रथम नत्रजन, जिसका कार्य है जड़, तना, पत्ती की वृद्धि और विकास में सहायक। दूसरा फास्फोरस जिसका कार्य है बीज और फलों का विकास तथा पौधों में पुष्पन व जड़ों के विकास के लिये सहायक एवं तीसरा पोटाश पौधों द्वारा प्रकाश के उपयोग में वृद्धि करता है तथा ठंडक और अन्य प्रतिकूल परिस्थितियों जिसमें कीट व्याधियां भी शामिल है, को सहन करने की क्षमता को बढ़ाता है।