बालोद
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
दल्लीराजहरा, 29 जून। विकास खंड डौंडी के ग्राम पंचायत अरमुरकसा गौठान मे रोका-छेका कार्यक्रम आयोजित किया गया। जहां फसल की पशु चराई से सुरक्षा के उद्देश्य से रोका-छेका कार्यक्रम अंतर्गत मवेशियों को गौठान में भेजने और चरवाहों की निगरानी में रखने किसानों को संकल्प दिलाया गया। साथ ही किसानों को गौठान में पैरा दान हेतु प्रेरित किया गया।
छत्तीसगढ़ शासन द्वारा रोका छेका कार्यक्रम का आयोजन पिछले वर्ष की भांति इस वर्ष प्रत्येक गौठान में किया जा रहा है। कार्यक्रम में मुख्य अतिथि ग्राम सरपंच सरजू बाई भलेंद् ने ग्रामीणों से शासकीय योजनाओ जैसे नरुवा, गरूवा, घुरुवा, बाड़ी में सहभागी बनने और गोबर बेचकर आमदनी अर्जित करने प्रेरित किया।
ग्राम गौठान समिति की बैठक, चरवाहा की व्यवस्था और मवेशीयो हेतु चारा-पानी व्यवस्था, पशु प्रबंधन की व्यवस्था पर चर्चा किया गया।
डॉ बीडी साहू, जिला नोडल अधिकारी (पशुधन विकास विभाग) बालोद ने केंद्र शासन की किसान क्रेडिट कार्ड (पशुपालन) तथा राज्य शासन की डेयरी, बटेर पालन, बकरीपालन योजना से आजीविका संवर्धन की जानकारी साझा किया।
पशु चिकित्सा शिविर में गलघोंटू और एक टंगिया टीकाकरण 395 मवेशियों में डॉ ज्योति साहू प्रभारी पशु चिकित्सालय कुसुमकसा, श्याम लाल, ड्रेसर संतोष नारंग परिचारक और टीकम साहू मैत्री के द्वारा संपन्न हुआ। गोधन न्याय योजना से आजीविका संवर्धन और जैविक खेती की जानकारी डॉ बीडी साहू ने उपस्थित किसानों को दिया। ग्राम सचिव वीणा टेकाम ने ग्रामीणों को रोका-छेका संकल्प दिलाया और पैरा दान करने हेतु प्रेरित किया।
इस अवसर पर चम्पा मात्रे, आशो बाई, विनोद सहित चरवाहा, सहित बिहान समूह की महिलाये, गौपालक, बकरीपालक और ग्रामीण सम्मिलित हुए।