महासमुन्द
सचिव ने कहा-कोरोना के कारण क्वारनटाईन सेन्टर में मजदूरों के रुकने, भोजन, बिजली, पानी की व्यवस्था में व्यस्त थी
मुख्य सूचना आयुक्त ने कहा-अवधि में कोरोना संक्रमण नहीं था सम्पूर्ण अवधि में क्वारनटाईन सेन्टर संचालित नहीं थे
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
महासमुंद, 29 जून। सूचना का अधिकार के तहत निर्धारित अवधि में सूचना दस्तावेज आवेदक को प्रदाय नहीं कराना जनसूचना अधिकारी को बहुत भारी पड़ गया। छग राज्य सूचना आयोग ने सचिव वेदमति चौहान को 25 हजार रुपए अर्थदण्ड अधिरोपित किया है। प्राप्त जानकारी के अनुसार आरटीआई कार्यकर्ता विनोद कुमार दास ने जनसूचना अधिकारी ग्राम पंचायत बैतारी जपं पिथौरा से 07 नवम्बर 2020 को सूचना आवेदन लगाकर चौदहवें वित्त योजना से संबंधित सूचना दस्तावेज की मांग की थी।
आदेश में मुख्य कार्यपालन अधिकारी जनपद पंचायत पिथौरा को 25 हजार रुपए जुर्माने की राशि जनसूचना अधिकारी वेदमति चौहान के वेतन से वसूल करके नियमानुसार शासकीय कोष में जमा कराये जाने हेतु निर्देशित किया है। सूचना आयोग में सचिव वेदमति चौहान ने बताया कि पंचायत के कार्यों की व्यस्तता एवं कोविड 19 महामारी होने के कारण क्वारनटाईन सेन्टर में पलायन मजदूरों के रुकने से भोजन बिजली पानी की व्यवस्था मे व्यस्त रहने के कारण चाही गई जानकारी समय पर नहीं दे सकी। परन्तु जनसूचना अधिकारी का यह जवाब मान्य योग्य नहीं है क्योंकि आवेदन दिनांक से सूचना देने के सम्पूर्ण अवधि में कोविड 19 संक्रमण नहीं था तथा सम्पूर्ण अवधि में क्वारनटाईन सेन्टर संचालित नहीं थे। मुख्य सूचना आयुक्त एम.के.राउत ने जनसूचना अधिकारी के उक्त तर्क को अमान्य किया और अधिनियम के तहत जुर्माना अधिरोपित किया।
समय सीमा में सूचना उपलब्ध नहीं कराने पर आवेदक ने 21 दिसम्बर 2020 को सीईओ जनपद पंचायत पिथौरा में प्रथम अपील किया। 19 जनवरी 2021 को प्रथम अपीलीय अधिकारी नें आवेदक को नि:शुल्क सूचना दस्तावेज प्रदाय कराने का आदेश पारित हुआ।
सचिव ग्राम पंचायत बैतारी से मुख्य कार्यपालन अधिकारी जनपद पंचायत पिथौरा के आदेश का पालन नहीं किया। आरटीआई कार्यकर्ता विनोद दास ने सीईओ को स्वयं के पारित आदेश का पालन कराने हेतु लिखित पत्राचार किया लेकिन कोई कार्यवाही नहीं हुई।
जनसूचना अधिकारी एवं प्रथम अपीलीय अधिकारी के कार्यशैली से क्षुब्ध होकर आवेदक ने छत्तीसगढ राज्य सूचना आयोग में दिनांक 16 जून 2021 को द्वितीय अपील प्रस्तुत किया। मुख्य सूचना आयुक्त एम. के. राउत ने उक्त प्रकरण में दिनांक 17 जून 2022 को सुनवाई में पाया कि सूचना आयोग से नोटिस पाने के बाद ही जनसूचना अधिकारी ने अपीलार्थी को 15 जनवरी 2022 को सूचना उपलब्ध डाक से भेजा। जो सूचना का अधिकार अधिनियम की धारा 07(1) के विपरीत है। इसलिए पच्चीस हजार रुपए का जुर्माना कराने का आदेश पारित किया।