गरियाबंद
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
राजिम, 29 जून। गरियाबंद जिले के ग्राम कुरूद (पाण्डुका) निवासी विश्राम साहू ने जीते जी ही देहदान कर दिया था। निधन होने पर उनके बेटे तुकाराम साहू ने गरियाबंद जिला स्वास्थ्य विभाग को सूचित किया। उनके पिता की अंतिम इच्छा थी कि मरणोपरांत उनके नेत्र एवं देह दान कर दिए जाए।
मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डॉ. एन.आर.नवरत्न एवं सिविल सर्जन डॉ. जी.एल.टण्डन के निर्देशानुसार जिला चिकित्सालय की टीम मृतक के गांव पहुंची। ग्राम पहुंचकर सर्वप्रथम टीम ने विश्राम साहू का नेत्रदान लिया और दान किये नेत्रों को आई बैंक, मेकाहारा रायपुर में जमा करवा दिया गया। उसके साथ ही देहदान की प्रक्रिया अनुसार समस्त प्रक्रिया पूर्ण कर उनके पार्थिव शरीर को मुक्तांजलि वाहन से रायपुर ले जाकर मेडिकल कॉलेज रायपुर को सौंप दिया गया। उनके दिये देहदान से मेडिकल की पढाई करने वाले छात्रों को मानव शरीर के अध्ययन में सहायता मिलेगी।
देहदान करके विश्राम साहू ने अपना नाम अमर कर दिया। उन्होंने अपने जाते समय भी समाज को संदेश दिया कि नेत्रदान और देहदान सभी प्रकार के दान से श्रेष्ठ ‘‘महादान‘‘ है। इंसान जीते जी तो लोगों के काम आ सकते हैं लेकिन देहदान और नेत्रदान करने से वो मरने के बाद भी समाज और लोगों के काम आ सकते हैं।
ऐसे पुण्यात्मा को स्वास्थ्य विभाग शत्-शत् नमन् करता है, साथ ही समाज के जागरूक नागरिकों से मरणोपरांत नेत्रदान एवं देहदान करने की अपील करता है।