रायपुर
माशिमं सचिव ने कहा-प्रक्रिया में साल भर लगता है
रायपुर, 30 जून। छत्तीसगढ़ माशिमं की बोर्ड परीक्षा में उत्तर पुस्तिकाओं के लापरवाही पूर्वक मूल्यांकन करने वाले शिक्षकों को भविष्य में मूल्यांकन के लिए डि-बार किया जा सकता है। ऐसा पुनर्मूल्यांकन में बड़ी संख्या में आवेदन मिलने और उसमें औसत से अधिक नंबर बढ़ने की वजह से होगा।
सूत्रों के अनुसार 10-12 वीं की वार्षिक परीक्षाफल से बड़ी संख्या में असन्तुष्ट विद्यार्थियों ने जब पुनर्मूल्यांकन के लिए आवेदन किया। इसमें कुल 4000 से ज्यादा छात्रों के नंबर बढ़ें हैं।
बता दें कि ऐसे में अब लापरवाहीपूर्वक मूल्यांकन करने वाले टीचरों पर कार्रवाई की जा सकती है। शिक्षा मण्डल के सचिव वी के गोयल ने मीडिया को बताया कि 12 वीं में करीब 3000 छात्रों और 10वीं में 1000 से ज्यादा छात्रों ने पुनर्मूल्यांकन के लिए आवेदन किया था। आगे उन्होंने कहा कि, “मूल्यांकन में लापरवाही बरतने वाले शिक्षकों पर प्रावधानों के अनुसार कार्रवाई होती है। इसमें सालभर का समय लगता है।“
माशिमं के नियमों के तहत अगर किसी छात्र द्वारा उत्तर-पुस्तिका पुनर्मूल्यांकन के लिए आवेदन किया जाता है तो नियम के अनुसार प्राप्तांक में 10% बढ़ोतरी होने पर ही नंबर बढ़ाया जाता है। इसके साथ-साथ संबंधित शिक्षक पर कार्रवाई का प्रावधान है। वहीं 20-40 नंबर बढ़ने पर शिक्षकों को 3 वर्ष के लिए मूल्यांकन कार्य से बाहर किया जा सकता है। अगर किसी छात्र के प्राप्तांक में 40 अंक या उससे ज्यादा बढ़ने पर मूल्यांकनकर्ता की एक वेतनवृद्धि रोकने के साथ तीन साल के लिए मूल्यांकन कार्य से बाहर किया जाता है।