महासमुन्द
महासमुंद,1 जुलाई। शासकीय महाप्रभु वल्लभाचार्य स्नातकोत्तर महाविद्यालय महासमुंद की प्राचार्य डा. ज्योति पाण्डेय आज सेवानिवृत्त हुईं। अपने प्राचार्य को कालेज के शिक्षाविदों और छात्र छात्राओं ने भावभीनी विदाई दीं हैं। प्राचार्य डा. ज्योति पाण्डेय का शिक्षा के क्षेत्र में अलग ही नाम है। वे लाल बहादुर शास्त्री राष्ट्रीय प्रशासन अकादमी मसूरी, उत्तराखण्ड में हिंदी विषय की सर्वोच्च उपाधि प्राप्त आचार्य एवं अध्यक्ष, भाषा संकाय के पद पर चयनित भारत वर्ष की प्रथम महिला अधिकारी एवं छत्तीसगढ़ राज्य की प्रथम महिला डी लिट् प्राचार्य महाप्रभु वल्लभाचार्य स्नातकोत्तर महाविद्यालय महासमुंद में रहीं। उन्होंने छत्तीसगढ़ राज्य प्रशासन अकादमी में संयुक्त संचालक प्रशिक्षण का पद ग्रहण किया और पुन: उन्हें राज्य की प्रथम महिला अधिकारी बनने का अवसर मिला।
इसके बाद वे उच्च शिक्षा संचालनालय इन्द्रावती भवन, अटल नगर, नया रायपुर में संयुक्त संचालक के पद पर कार्यभार ग्रहण किया। पूरे 40 वर्षों की इस लंबी यात्रा में अनेक छात्र-छात्राओं की विषय निदेशक होने के साथ ही विश्व स्तर पर ख्यातिलब्ध धातु एवं धातु भैषज्य कल्पनाश् नामक बहुभाषीय अंत: राष्ट्रीय ग्रंथ की सह-लेखिका भी रहीं। ग्राम मर्रा पाटन जिला दुर्ग के मिश्र परिवार में जन्मी डा. ज्योति स्व.पं. रामस्वरूप मिश्र व इन्द्राणी देवी मिश्र की आत्मजा तथा ब्रजेश की अग्रजा व स्व. नरोत्तमलाल-रामदुलारी पांडेय की पुत्रवधु रहीं। इनके पति प्रो. डा.राजशेखर पाण्डेय ब्राम्हणपारा रायपुर हैं। सौम्य, मृदुभाषी, अनुशासनप्रिय एवं बेदाग प्रशासनिक छवि वाली डॉ. ज्योति पांडेय ने अपने लंबे अध्यापकीय-प्रशासनिक जीवन की सफलता का श्रेय अपने देवतुल्य पूज्य गुरुजनों, परिवार, मित्रों व समस्त कार्यालयीन सदस्यों को देती हैं।