महासमुन्द
घोयनाबाहरा में माल रेक पांइट में क्लिंकर परिवहन के लिए मंजूरी को निरस्त करने की मांग
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
महासमुंद, 1 जुलाई। रेलवे स्टेशन स्थित ग्राम घोयनाबाहरा में माल रेक पांइट में क्लिंकर परिवहन हेतु की मंजूरी को निरस्त करने की मांग जिला पंचायत सदस्य एवं पूर्व प्रदेश उपाध्यक्ष भाजपा महिला मोर्चा अलका चंद्राकर ने की है। यह क्षेत्र अलका का जिला पंचायत क्षेत्र है। उन्होंने कहा कि पर्यावरण मंडल रायपुर द्वारा जो अनापत्ति प्रमाण पत्र जारी किया गया है, वह संदेह के घेरे में है। इसमें ना तो किसी अधिकारी द्वारा स्थल मुआयना किया गया है और न हीं आसपास के रहवासी हैं, जिन्होंने इसमें हस्ताक्षर किया है। यहां रहने वाले अधिकांश आदिवासी वर्ग से हैं जिनकी राय ली गई है।
अल्का का कहना है कि ऐसा लगता है परिवहन ठेकेदार से मिलीभगत करके कार्यालय में बैठकर पर्यावरण बोर्ड के अधिकारियों ने अनापत्ति प्रमाण पत्र जारी किया है। अलका ने कहा कि जमीनी हकीकत यही है कि सीमेंट क्लिंकर लोडिंग अनलोडिंग होने से आसपास के कृषि योग्य भूमि बंजर हो जाएगी। साथ ही आसपास के रहवासियों का जीना दूभर हो जाएगा। उनके स्वास्थ्य में प्रतिकूल प्रभाव पड़ेगा। साथ ही वायु प्रदूषण मानक स्तर से ऊपर हो जाएगा।
इन्होंने विज्ञप्ति जारी कर बताया है कि स्वीकृति स्थल के पास आदिवासी बालक कन्या छात्रावास, थाना, स्कूल एवं घनी आबादी है। पंचायत के प्रतिनिधियों द्वारा ग्राम सभा के विरोध के बावजूद अनापत्ति प्रमाण पत्र जारी किया गया है।
पूर्व में भी सर्व आदिवासी समाज द्वारा इसका विरोध दर्ज कराया गया है। हजारों लोगों के जीवन के साथ खिलवाड़ करने वाले क्लिंकर परिवहन पर तत्काल रोक लगाने हेतु कलेक्टर और अनुविभागीय अधिकारी राजस्व को ज्ञापन सौंपा गया है। मांग पूरी ना होने की स्थिति में धरना प्रदर्शन की व्यापक तैयारी की जा रही है। ज्ञापन देने वालों में प्रमुख रूप से गोरख यादव, मनोहर ठाकुर, नरेश चंद्राकर, दुबे साहू, नितिन जैन, उमा सोनी, तूफ ान दीवान सहित ग्रामीण महिला पुरुष बड़ी संख्या में शामिल हैं।