बीजापुर
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
बीजापुर, 2 जुलाई। दो लाख की ईनामी महिला नक्सली ने पुलिस अफसरों के समक्ष आत्मसमर्पण किया। वह कई नक्सल घटनाओं में शामिल थीं।
क्षेत्र में चलाये जा रहे माओवादी उन्मूलन अभियान के तहत् गंगालूर एरिया कमेटी के प्लाटून नम्बर 12 की सदस्य मगंली उरसा (33) चिलनार जिला बीजापुर ने उप पुलिस महानिरीक्षक सीआरपीएफ कोमल सिंह, पुलिस अधीक्षक बीजापुर आंजनेय वाष्र्णेय, अति. पुलिस अधीक्षक बीजापुर डॉ. पंकज शुक्ला के समक्ष माओवादियों की खोखली विचारधारा, जीवन शैली, भेदभावपूर्ण व्यवहार एवं प्रताडऩा से तंग आकर तथा छत्तीसगढ़ शासन के पुनर्वास नीति से प्रभावित होकर आत्मसमर्पण कर दिया। छग शासन की माओवादी की समर्पण नीति के तहत् मंगली उरसा के धारित पद पर 2 लाख का ईनाम घोषित है।
माओवादी संगठन में कार्य का विवरण- वर्ष 2010 में गंगालूर एरिया कमेटी अन्तर्गत पीएलजीए सदस्य के रूप में भर्ती किया गया। तीन माह का प्रशिक्षण दिया गया। अप्रैल 2011 में डीकेएसजेडसी/एमएमसी सुधाकर की टीम में काम के लिये भेज दिया गया, जहां 3 माह कार्य करने के उपरान्त पार्टी सदस्य का कार्य दिया गया । वर्ष 2012 से 2013 तक एमएमसी सुधाकर के गनमेन के रूप में कार्य की। वर्ष 2014 में गंगालूर एरिया कमेटी अंतर्गत प्लाटून नम्बर 12 में कार्य हेतु भेजा गया । वर्ष 2015 में प्लाटून नम्बर 12 के ‘‘ए’’ सेक्शन में डिप्टी कमाण्डर का कार्य दिया गया।
माओवादी घटना में शामिल-वर्ष 2015 में पदेड़ा -पोजेर मार्ग पर कई जगहों पर गड्ढा खोदकर मार्ग अवरूद्ध करने की घटना में शामिल थीं। समर्पण करने पर उन्हें उत्साहवर्धन हेतु शासन की आत्मसमर्पण एवं पुनर्वास नीति के तहत् रूपये 10000 (दस हजार रूपये) नगद प्रोत्साहन राशि दी गई।