राजनांदगांव
राज्य स्तरीय प्रथम पंचगव्य चिकित्सक सम्मेलन आयोजित
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
राजनांदगांव, 03 जुलाई। छत्तीसगढ़ पंचगव्य डॉक्टर एसोसिएशन द्वारा गत् दिनों पद्मश्री गोविंदराम निर्मलकर आडिटोरियम में छत्तीसगढ़ राज्य स्तरीय प्रथम पंचगव्य चिकित्सक सम्मेलन का आयोजन किया गया। सम्मेलन में मुख्य अतिथि पंचगव्य विद्यापीठ्म कांचीपुरम तमिलनाडु के गुरूकुलपति डॉ. निरंजन वर्मा व अध्यक्षता महापौर हेमा देशमुख ने की।
मुख्य अतिथि डॉ. वर्मा ने अपने व्याख्यान में देशी गोवंश से प्राप्त होने वाले पंचगव्य गोवर, गोमूत्र, दूध, दही, घृत की विशेषताओं को विस्तार से वर्णन किया। उन्होंने बताया कि पंचगव्य से गंभीर व असाध्य रोगों की चिकित्सा संभव है। कोरोना जैसी बीमारी का भी आसानी से इलाज पंचगव्य से किया जा सकता है। उन्होंने उपस्थित नागरिकों का प्रश्रों का उत्तर दिया। उन्होंने दैनिक जीवन में गोवर के विभिन्न उपयोगिता के बारे में भी बताया। उन्होंने कहा कि यदि गाय कम दूध देती हो तो दूध से छाछ बनाकर पिएं। दूध बच्चों के लिए है और बड़ों के लिए छाछ सर्वोत्तम है।
अध्यक्षता करते महापौर श्रीमती देशमुख ने गोवंश की पारंपरिक उपयोगिता पर प्रकाश डाला। उन्होंने कहा कि पहले हम दांत साफ करने के लिए पेस्ट की जगह गोवर के कोयले का उपयोग करते थे। नहाने व बाल धोने के लिए दूध-दही आदि का उपयोग किया जाता था। आज यह परम्परा लुप्त होती जा रही है। उन्होंने विभिन्न गौशालाओं द्वारा निर्मित गौ आधारित दैनिक उपयोगी उत्पादों का उपयोग करने नागरिकों को प्रेरित किया। कार्यक्रम में अवधेश कुमार, कमलेश धीवर, कामेश्वर प्रसाद, मुकेश स्वर्णकार, आर्य प्रमोद , डिलेश्वर साहू, राधेश्याम गुप्ता, देवेन्द्र साहू, राकेश सोनी, सालिकराम साहू, प्रज्ञानंद मौर्य, प्रभात बैस, संजय साहू, धर्मेन्द्र साह, पुरूषोत्तम देवांगन सहित अन्य लोग उपस्थित थे। कार्यक्रम का संचालन प्रभात बैस ने किया।