बस्तर

टेलीफोनिक ठगी के 2 मामले, बिहार के 3 गिरफ्तार
03-Jul-2022 8:50 PM
टेलीफोनिक ठगी के 2 मामले,  बिहार के 3 गिरफ्तार

  लैपटॉप, मोबाईल, नगदी व दस्तावेज बरामद    

‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
जगदलपुर, 3 जुलाई।
दो अलग-अलग मामले जिसमें सरकारी नौकरी दिलाने का झांसा देकर एवं सिम बंद होने की बात कहकर दुबारा चालू करने के लिए वेरिफिकेशन के नाम पर लाखों की ठगी करने वाले 2 गिरोह के तीन आरोपियों को बस्तर पुलिस ने गिरफ्तार किया है। तीनों आरोपी बिहार के हैं। लैपटाप 3, मोबाईल- 18, टैबलेट-1, एटीएम कार्ड 9, पेनड्राईव - 2, सिम कार्ड 38 एवं अन्य आवश्यक दस्तावेज जब्त किए गए।

ज्ञात हो कि बस्तर जिले में टेलीफोनिक फ्राड के बढ़ते मामलों को देखते हुए उप महानिरीक्षक एवं वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक जितेन्द्र सिंह मीणा, अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक ओमप्रकाश शर्मा के मार्गदर्शन एवं नगर पुलिस अधीक्षक हेमसागर सिदार, अनुविभागीय अधिकारी (पुलिस) केशलुर ऐश्वर्य चन्द्राकर, उप पुलिस अधीक्षक नोडल सायबर सेल गीतिका साहू के पर्यवेक्षण में टीम गठित कर आपराधिक प्रकरणों का अनुसंधान किया जा रहा है।

पुलिस के अनुसार जून 2022 के दौरान प्रार्थी गणेश राम कश्यप निवासी पाथरी ने कलेक्टर कार्यालय जगदलपुर सहायक ग्रेड 03 के पद हेतु आवेदन पत्र प्रस्तुत किया गया था। उक्त अभ्यर्थी को अज्ञात आरोपी द्वारा मोबाईल के माध्यम से अपने आप को जिला कलेक्टर कार्यालय जगदलपुर का स्टॉफ होना बताकर अभ्यर्थी को सहायक ग्रेड-03 की नौकरी दिलाने के नाम पर 20 हजार रुपए की मांग कर राशि अपने खाते में डलवाकर प्रार्थी को फर्जी नियुक्ति आदेश जारी कर ठगी किया गया था।

ठगी के संबंध में प्रार्थी को पता चलने पर प्रार्थी गणेश राम कश्यप की रिपोर्ट पर संबंधित कॉलर मोबाईल धारक एवं खाता धारक के विरुद्ध थाना कोतवाली में ठगी (धारा 420 भादवि 66 (डी) आईटी एक्ट) का अपराध पंजीबद्ध कर अनुसंधान में लिया गया।

जांच के दौरान आरोपी के बैंक खातों के विश्लेषण एवं तकनीकी साक्ष्यों के आधार पर संदेही के उपस्थिति की जानकारी बिहार में मिलने पर, निरीक्षक किशोर केवट, दिनेश यादव के नेतृत्व में टीम गठित कर बिहार रवाना किया गया था। उक्त टीम के द्वारा जिला नालंदा में संदेह के आधार पर एक व्यक्ति को घेराबंदी कर पकड़ा गया।  पूछताछ करने पर उसने अपना नाम चन्दन कुमार निवासी नालंदा बिहार का होना बताया।

आरोपी से पूछताछ करने पर प्रार्थी गणेश राम कश्यप को मोबाईल के माध्यम से सरकारी नौकरी दिलाने के नाम पर 20 हजार रुपए ठगी करना स्वीकार किया। आरोपी के कब्जे से घटना कारित मोबाईल, लैपटॉप, नगद 40 हजार एवं डेबिट कार्ड, 8 भर्ती व नियुक्ति संबंधी  दस्तावेज बरामद किया गया है।

दूसरे मामले में मार्च 2022 में प्रार्थी प्रकाश पाण्डेय उप निरीक्षक सीआरपीएफ कामानार कैम्प को अज्ञात आरोपी द्वारा मोबाईल के माध्यम से कॉल करके उसका सिम बंद होने की बात कहते हुए दुबारा एक्टीवेट करने वेरिफिकेशन के नाम पर प्रार्थी को अपने मोबाईल पर ‘क्वीक सपोर्ट’ ऐप डाउनलोड करने बोला गया। जब प्रार्थी के द्वारा क्वीक सपोर्ट ऐप डाउनलोड करने के पश्चात् मोबाईल बैंकिंग के माध्यम से 10 रूपये का रीचार्ज करने बोला गया। रिचार्ज करने के तत्काल बाद प्रार्थी के खाते से अलग-अगल किश्तों में 6 लाख 40 हजार रूपये आरोपियों द्वारा राशि आहरित किया गया था। ठगी के संबंध में प्रार्थी को ज्ञात होने पर प्रार्थी प्रकाश पाण्डेय के रिपोर्ट पर संबंधित कॉलर मोबाईल धारक के  विरूद्ध अपराध पंजीबद्ध कर विवेचना में लिया गया।

जांच के दौरान आरोपियों के बैंक खातों के विश्लेषण एवं तकनीकी साक्ष्यों के आधार पर संदेही के उपस्थिति की जानकारी (जिला नालंदा) बिहार में मिलने पर, निरीक्षक किशोर केवट, दिनेश यादव के नेतृत्व में टीम गठित कर बिहार रवाना किया गया था। उक्त टीम के द्वारा जिला नालंदा बिहार में संदेह के आधार पर दो व्यक्तियों को घेराबंदी कर पकड़ा गया। जिनसे पूछताछ करने पर जिन्होंने अपना अपना नाम नीरज कुमार (28)एवं चन्द्रकांत कुमार (21)दोनों निवासी जिला नालंदा बिहार का होना बताए।

आरोपियों से पूछताछ करने पर इनके द्वारा प्रार्थी प्रकाश पाण्डेय को मोबाईल फोन के माध्यम से  सिम बंद होने पर, सिम एक्टीवेशन के लिए जीओ सर्विस प्रोवाइडर बनकर क्वीक सपोर्ट ऐप डाउनलोड कराकर 6 लाख 40 हजार रुपए की ठगी करना स्वीकार किए। आरोपियों के द्वारा छत्तीसगढ़ के अन्य जिलों में भी घटना कारित करना स्वीकार किया गया है जिस संबंध में राज्य के दूसरों जिलों से जानकारी लिया जा रहा है।

आरोपियों से पूछताछ पर बताया कि उनके द्वारा प्रार्थी एवं अन्य पीडि़त पक्ष को सिम बंद होने का झांसा देकर दुबारा सिम चालू करने हेतु वेरिफिकेशन करने अथवा अन्य समस्याओं के निराकरण करने का झांसा देकर रिमोट एक्सेसिंग ऐप जैसे क्वीक सपोर्ट, ऐनी डेक्स, टीम व्यूवर, गूगल फार्म जैसे ऐप डाउनलोड करने के लिए बोला जाता था जैसे ही कोई व्यक्ति उक्त अनवांटेड ऐप को संचालित करता है, वैसे ही पीडि़त की सभी जानकारी आरोपियों के पास चला जाता है और उनके द्वारा पीडि़त के खाते से राशि अपने खातों में आहरित कर लिया जाता था।  आरोपियों से लैपटॉप,  टैबलेट, मोबाईल, पैनड्राईव, डोंगल, माउस, सिम, नगद राशि 1 लाख 49 हजार रुपए, एटीएम कार्ड जब्त किए गए।

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