राजनांदगांव

प्रमुख सचिव शिक्षा के बयान ने शिक्षकों के कर्तव्यनिष्ठा और कार्यदक्षता को किया आहत- फेडरेशन
04-Jul-2022 2:54 PM
प्रमुख सचिव शिक्षा के बयान ने शिक्षकों के कर्तव्यनिष्ठा और कार्यदक्षता को किया आहत- फेडरेशन

‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
राजनांदगांव, 4 जुलाई।
विगत कई वर्षों से पाटन क्षेत्र के शिक्षकों का सम्मान मुख्यमंत्री भूपेश बघेल द्वारा किया जाता है। क्या शिक्षक अयोग एवं अक्षम है।  प्रमुख सचिव शिक्षा द्वारा शिक्षकों को अयोग्य कहना भारतीय संस्कृति के विरुद्ध है। राष्ट्र निर्माता शिखकों को निकम्मा कहना शिक्षकों का सार्वजनिक अपमान है, जो कि क्षमा योग्य नहीं है।

छत्तीसगढ़ प्रदेश शिक्षक फेडरेशन ने हरिवंश राय बच्चन के कविता की पंक्तियां असफलता एक चुनौती है, इसे स्वीकार करो, क्या कमी रह गई, देखो और सुधार करो, जब तक न सफल हो, नींद चैन को त्यागो तुम, संघर्ष का मैदान छोडक़र मत भागो तुम। कुछ किए बिना ही जय-जयकार नहीं होती, एक कोशिश करने वालों की कभी हार नहीं होती, का उल्लेख करते हुए कहा कि प्रमुख सचिव शिक्षा को अपने कथन पर खुद आत्मचिंतन करना चाहिए। उनके कथन से शिक्षकों के आत्मविश्वास पर विपरीत प्रभाव पड़ा है। यदि सफलता नहीं मिलने से यदि कोई अयोग्य हो जाता है तो किसी भी क्षेत्र में असफल हुए व्यक्ति को पुन: प्रयास नहीं करना चाहिए।

फेडरेशन के प्रांताध्यक्ष राजेश चटर्जी, प्रांतीय प्रमुख महामंत्री सतीश ब्यौहरे, जिला अध्यक्ष शरद शुक्ला एवं महामंत्री पीआर झाड़े ने वेबिनार में प्रमुख सचिव शिक्षा के वक्तव्य  पर प्रश्न किया है। कोरोना काल में शिक्षकों द्वारा विभिन्न तरीकों से पढ़ाया जाना क्या अयोग्यता है। मध्यान्ह भोजन को अपने एवं परिवार के सुरक्षा को दांव पर लगाकर वितरित करना क्या अक्षमता है। कोरोनाकाल में कोरोना संक्रमण की रोकथाम एवं बचाव में अपने प्राण जनता के लिए न्यौछावर करने वाले शिक्षक क्या अक्षम थे। कोरोना काल में शासकीय सेवकों में से शिक्षकों की सर्वाधिक बलिदान क्या व्यर्थ है। मुख्यमंत्री द्वारा अनुकंपा नियुक्ति के नियमों में छूट क्या अक्षम को दिया गया है।

उन्होंने पूछा कि शिक्षक शिक्षा देने के अलावा कौन-कौन से गैर शिक्षकीय काम करते हैं? शिक्षकों को पढ़ाने और अन्य काम करने के लिए कितने दिन और घंटे मिलते हैं ? शिक्षक को विद्यालय में प्रयोगों के कारण कितनी परेशानियों का सामना करना पड़ता है ? विद्यालय में नए नए प्रयोग लागू करने के बाद उसके परिणाम जानने कितने समय दिया गया है ? कक्षा 1 से 8 वीं तक फेल न करने के आदेश से बच्चो की मानसिकता में क्या प्रभाव पडा है ? कक्षा 01 से 08 तक पुस्तक फ्री, यूनिफार्म फ्री, खाना फ्री, प्रवेश फ्री, बिना परीक्षा पास, अन्य फ्री में मिले चीजों से विद्यार्थियों की मानसिकता  पर क्या प्रभाव पड़ा है। क्या प्रमुख सचिव शिक्षा इस दिशा में विचार किया है। यदि शिक्षक अक्षम और अयोग्य हैं तो विभाग के उच्चाधिकारी क्या पाक साफ हैं ? शिक्षक विद्यार्थियों को पढ़ाई में अनुशासन के लिए न तो डांट सकते हैं और न ही दंड दे सकते हैं, लेकिन शिक्षकों को दंड देने का उपाय प्रमुख सचिव पूछ रहे हैं। बहुतायत प्राथमिक, माध्यमिक एवं हाई/हायर सेकंडरी में विषयानुसार शिक्षकों की पदस्थापना नहीं है,लेकिन परीक्षाफल के लिए दोषारोपण शिक्षकों पर हो रहा है।

आज बहुत जगहों पर स्कूल की प्रॉपर्टी को लोग सार्वजनिक प्रापर्टी समझकर तोडफ़ोड़ करते हैं। शिक्षक के हाथ-बंधे हुए है, मौन दर्शक है जिम्मेदार कौन है?
 

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