राजनांदगांव
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
राजनांदगांव, 4 जुलाई। छत्तीसगढ़ चेम्बर ऑफ कामर्स एंड इंडस्ट्रीज के प्रदेश अध्यक्ष अमर पारवानी, महामंत्री अजय भसीन, कोषाध्यक्ष उत्तमचंद गोलछा ने बताया कि जीएसटी कॉन्सिल की बैठक में अनब्रांडेड प्रीपैक्ड खाद्यान्नों जैसे आटा, पोहा इत्यादि पर 5 प्रतिशत की दर से जीएसटी का प्रावधान किया गया है। जिसके लिए कैट के महामंत्री प्रवीण खंडेलवाल द्वारा जीएसटी से छूट के संबंध में में पत्र भेजा गया।
चेम्बर प्रदेश मंत्री राजा माखीजा ने बताया कि इस नई व्यवस्था के लागू होने से केवल पुरानी व्यवस्थाओं में बदलाव ही नहीं हुअ, बल्कि मध्यम वर्गीय व्यापारी के सामने सिर्फ एकाउंटिंग में उलझ जाने की समस्या हो जाएगी। पूरे छत्तीसगढ़ में सामान्यत: मध्यम वर्गीय परिवार के व्यापारी ही व्यापार करते हैं। वर्तमान में प्रदेश में छोटे-बड़े सभी को मिलाकर 3 से 4 लाख तक खाद्य पदार्थ व्यवसायी हैं। जिनमें से 70 से 80 प्रतिशत व्यवसायियों का टर्नओवर 40 लाख तक है तथा जो बही खातों से अनभिज्ञ हैं एवं जीएसटी में पंजीकृत नहीं हैं। विगत कुछ वर्ष में महामारी के समय इनका पूरा व्यवसाय बंद पड़ा रहा। महामारी समाप्त होते ही ये व्यवसायी अपने जीवन और व्यवसाय को सही दिशा में लाने हेतु प्रयासरत हैं।
चेंबर अध्यक्ष शरद अग्रवाल, कार्यकारी अध्यक्ष सूरज खंडेलवाल, महामंत्री संजय रिझवानी ने बताया कि यदि अनब्रांडेड प्रीपैक्ड खाद्यान्नों पर 5 प्रतिशत टैक्स लगाया जाता है तो अपने व्यवसाय में व्यस्त रहने वाले छोटे-मंझोले व्यवसायियों हेतु यह प्रक्रिया जटिल है। जिसके परिणामस्वरूप ये व्यवसायी केवल बही खातों में ही उलझ जाएंगे। बड़ी संख्या में रोजगार देने वाले ये व्यापारी स्वयं ही बेरोजगार हो जाएंगे तथा छत्तीसगढ़ का व्यवसाय बुरी तरह से प्रभावित होगा।